भारत ने रक्षा क्षेत्र में एक बड़ा कारनामा करते हुए स्टार वॉर के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाला हथियार बनाने में सफलता हासिल की है।
रक्षा अनुसंधान और विकास-संगठन (डीआरडीओ) ने रविवार को 30 किलोवाट का लेजर डायरेक्टेड एनर्जी वेपन सिस्टम (ड्यू) एमके-II (ए) का सफल परीक्षण किया। यह हाई पावर लेजर सिस्टम फिक्स्ड-विंग ड्रोन, स्वार्म ड्रोन, जासूसी उपकरण और प्रोजेक्टाइल को पलक झपकते ही मार गिराएगा। डीआरडीओ ने करनूल स्थित नेशनल ओपन रेंज में नए हथियार का परीक्षण किया। परीक्षण के दौरान ड्यू ने ड्रोन को गिराया, निगरानी एंटीना को जला दिया और सेंसर को ब्लाइंड कर दिया।
लेजर डायरेक्टेड एनर्जी वेपन सिस्टम (ड्यू) में सटीक टारगेट के लिए 360-डिग्री इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल/इन्फ्रारेड (ईओ/आइआर) सेंसर लगे होते हैं। इसे हवाई, रेल, सड़क या समुद्र में तैनात किया जा सकता है। लक्ष्य का पता लगाने के बाद ड्यू लाइट की गति से उस पर हमला करता है और लेजर बीम से काटकर नष्ट कर देता है।
लेजर डायरेक्टेड एनर्जी वेपन सिस्टम (ड्यू) की खास बात यह है कि इस पूरे सिस्टम में गोला-बारूद या रॉकेट का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। यह सिर्फ लाइट का हमला होता है। यह बिना आवाज किए लक्ष्य को खत्म कर देता है। युद्ध के मैदान में कम खर्च में तत्काल परिणाम के कारण यह बेहद कारगर साबित होगा।
लेजर डायरेक्टेड एनर्जी वेपन सिस्टम (ड्यू) की मारक क्षमता 05 किलोमीटर है, जबकि, इसे बढ़ा कर 20 किलोमीटर तक करने की तैयारी चल रही है।
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