सोवियत संघ का 1970 में शुक्र ग्रह के लिए भेजा गया पुराना अंतरिक्ष यान कोसमोस 482 अनियंत्रित होकर धरती की तरफ बढ़ रहा है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि यह मई के पहले दो हफ्तों में यानि संभवतः 10 मई के आसपास धरती पर गिर सकता है।
शुक्र ग्रह के अध्ययन के लिए भेजे गए कोसमोस 482 के बूस्टर में, खराबी आने के बाद यह दो भागों में बंट गया था। मुख्य भाग 5 मई 1981 को पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश कर गया था, जबकि लैंडिंग कैप्सूल पृथ्वी की कक्षा से बाहर नहीं जा सका और पृथ्वी की अंडाकार कक्षा में चक्कर लगा रहा है।
वैज्ञानिकों का मानना है कि यान के अनियंत्रित होकर वापस आने में खतरा है, लेकिन वैज्ञानिक लगातार इस पर नजर बनाए हुए हैं। डच वैज्ञानिक मार्को लैंगब्रोक का कहना है कि अनुमान है कि अंतरिक्ष यान 10 मई के. आसपास पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश कर सकता है।
कोसमोस 482 की लैंडिंग कैप्सूल अब भी कक्षा में मौजूद है, जिसका आकार लगभग एक मीटर व्यास और वजन करीब 500 किलोग्राम है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह यान संभवतः पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश करने के बाद भी पूरी तरह से नष्ट नहीं होगा, क्योंकि इसे शुक्र के तेज दबाव और गर्मी क्षेलने के लिए बनाया गया था। लिहाजा कुछ हिस्सा धरती पर गिर सकता है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि 51.7 डिग्री के कक्षीय झुकाव के साथ कोसमोस 482 का कैप्सूल 52 डिग्री उत्तर और 52 डिग्री दक्षिण अक्षांश के बीच कहीं भी गिर सकता है। जो कनाडा से लेकर दक्षिण अमरीका तक का क्षेत्र माना जाता है, लेकिन पृथ्वी का अधिकतर हिस्सा समुद्र है, इसलिए इस यान के महासागर में गिरने की संभावना ज्यादा है।
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