बिहार अब फिल्म उद्योग के लिए एक आकर्षक गंतव्य बनता जा रहा है। राज्य सरकार की पहल से अब तक 14 फिल्मों को बिहार में शूटिंग की अनुमति मिल चुकी है, जिससे स्थानीय जिलों में फिल्म निर्माण की गतिविधियाँ तेज़ी से बढ़ रही हैं। इससे न केवल राज्य की सांस्कृतिक पहचान को बढ़ावा मिल रहा है, बल्कि रोजगार और पर्यटन के नए अवसर भी उत्पन्न हो रहे हैं।
फिल्म शूटिंग के लिए स्वीकृत फिल्में
राज्य सरकार ने विभिन्न भाषाओं में बनी 14 फिल्मों को बिहार में शूटिंग की अनुमति दी है। इनमें से कुछ फिल्मों की शूटिंग पूरी हो चुकी है, जबकि अन्य विभिन्न जिलों में चल रही है। यह कदम राज्य में फिल्म उद्योग को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण है।
फिल्म निर्माण के लिए बुनियादी ढांचे का विकास
राज्य सरकार फिल्म निर्माण के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे के विकास पर भी ध्यान दे रही है। वाल्मीकिनगर में राज्य का पहला समर्पित फिल्म सेट निर्माणाधीन है, जबकि जहानाबाद में हैदर काज़मी स्टूडियो स्थापित किया गया है, जहाँ कई फिल्मों की शूटिंग चल रही है।
फिल्म शिक्षा को बढ़ावा
राज्य सरकार फिल्म शिक्षा को भी बढ़ावा दे रही है। पुणे फिल्म संस्थान, सत्यजीत रे फिल्म संस्थान, और राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में अध्ययनरत छात्रों के लिए छात्रवृत्तियाँ प्रदान की जा रही हैं। अब तक एक छात्र, आशीष कुमार, को छात्रवृत्ति मिल चुकी है, और अन्य आवेदन प्रक्रियाधीन हैं।
फिल्म प्रोत्साहन नीति
राज्य सरकार ने फिल्म प्रोत्साहन नीति के तहत फिल्मों की शूटिंग को प्रोत्साहित करने के लिए अनुदान की व्यवस्था की है। यदि कोई फिल्म अपनी शूटिंग का 75% से अधिक हिस्सा बिहार में करती है, तो उसे ₹4 करोड़ तक का अनुदान मिल सकता है। इस नीति के तहत निर्माताओं को करों में छूट और अन्य सुविधाएँ भी प्रदान की जा रही हैं।
प्रमुख शूटिंग स्थल
बिहार में फिल्म शूटिंग के लिए कई आकर्षक स्थल उपलब्ध हैं, जिनमें राजगीर, नालंदा, गया, पटना, दरभंगा, कैमूर, और वाल्मीकिनगर प्रमुख हैं। इन स्थानों की प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक महत्व ने फिल्म निर्माताओं को आकर्षित किया है।
स्थानीय फिल्म उद्योग का उत्थान
बिहार में फिल्म निर्माण से न केवल राज्य की सांस्कृतिक पहचान को बढ़ावा मिल रहा है, बल्कि स्थानीय कलाकारों और तकनीशियनों को भी रोजगार के अवसर मिल रहे हैं। इससे राज्य की अर्थव्यवस्था को भी लाभ हो रहा है।