महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर जिले के खुल्दाबाद में स्थित मुगल शासक औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग जोर पकड़ रही है। इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि सभी इस कब्र को हटाने के पक्ष में हैं, लेकिन यह कार्य कानूनी दायरे में होना चाहिए, क्योंकि यह एक संरक्षित स्थल है।
छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज और सतारा से भाजपा सांसद उदयनराजे भोसले ने औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग की थी। मुख्यमंत्री फडणवीस ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार के दौरान इस स्थल को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के संरक्षण में दिया गया था, इसलिए इसे हटाने के लिए कानूनी प्रक्रिया का पालन आवश्यक है।
इससे पहले, मई 2022 में एआईएमआईएम नेता अकबरुद्दीन ओवैसी के औरंगजेब की कब्र पर जाने के बाद भी इस मुद्दे पर विवाद हुआ था, जिसके बाद महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने कब्र को हटाने की मांग की थी।
वर्तमान में, औरंगजेब की कब्र को हटाने के मुद्दे पर भाजपा, कांग्रेस, शिवसेना, मनसे और छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज एकमत हैं। शिवसेना नेता शंभूराजे देसाई ने कहा कि हमारी सरकार औरंगजेब की कब्र को हटाने के पक्ष में है, और इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री और दोनों उपमुख्यमंत्री केंद्र सरकार से बातचीत करेंगे।
कांग्रेस नेता नाना पटोले ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं। हर बार कांग्रेस पर आरोप लगाना सही नहीं है। मौजूदा स्थिति को देखते हुए सरकार को स्वयं निर्णय लेना चाहिए।
यह मुद्दा महाराष्ट्र की राजनीति में गरमाया हुआ है, और सभी पक्ष इस पर अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। आने वाले समय में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि कानूनी प्रक्रिया के तहत इस मामले में क्या कदम उठाए जाते हैं।