भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर के हालिया बयान, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान से पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) पर अपना दावा छोड़ने की बात कही थी, पर पाकिस्तान में व्यापक चर्चा हो रही है। पाकिस्तानी पत्रकार आरजू काजमी और राजनीतिक विश्लेषक कमर चीमा ने इस विषय पर अपने विचार साझा किए हैं।
आरजू काजमी ने अपने यूट्यूब चैनल पर कमर चीमा से बातचीत के दौरान जयशंकर के बयान को गंभीरता से लेते हुए पूछा कि क्या यह भारत सरकार की पीओके पर हमले की मंशा का संकेत है। इसके जवाब में कमर चीमा ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि यह भारत की आधिकारिक नीति है। उन्होंने इसे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राजनीतिक रणनीति का हिस्सा बताया, जो पीओके मुद्दे का उपयोग चुनावी लाभ के लिए करती रही है।
चीमा ने आगे कहा कि पीओके पर कब्जा करने के लिए भारत को युद्ध का सहारा लेना पड़ेगा, जो आसान नहीं होगा, क्योंकि पाकिस्तान भी एक मजबूत सैन्य शक्ति है। उन्होंने इस बयान को जुबानी जमाखर्च करार देते हुए कहा कि यह भाजपा की मजबूत सरकार की छवि बनाने की कोशिश है।
जयशंकर के बयान के बाद पाकिस्तान में हलचल मची हुई है, और विशेषज्ञ इसे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ाने वाला मान रहे हैं। इस संदर्भ में, पाकिस्तान के रक्षा विशेषज्ञों ने भी चिंता व्यक्त की है और सरकार से इस पर आधिकारिक प्रतिक्रिया देने की मांग की है।