प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार, 10 मार्च 2025 को छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और एआईसीसी महासचिव भूपेश बघेल के भिलाई-3 स्थित पदुमनगर आवास पर छापेमारी की। यह कार्रवाई सुबह चार गाड़ियों में आई ईडी टीम द्वारा की गई, जिसमें दस्तावेजों की जांच की गई। ईडी के अनुसार, यह छापेमारी 2100 करोड़ रुपये के शराब घोटाले से संबंधित है, जिसमें भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को भी लाभ पहुंचाने का आरोप है।
चैतन्य बघेल के करीबी सहयोगियों, लक्ष्मीनारायण बंसल और पप्पू बंसल के ठिकानों पर भी ईडी की कार्रवाई जारी है। इसके अलावा, भिलाई के नेहरू नगर में मनोज राजपूत, चरोदा में अभिषेक ठाकुर और संदीप सिंह, दुर्ग में कमल अग्रवाल (किशोर राइस मिल), सुनील अग्रवाल (सहेली ज्वेलर्स) और बिल्डर अजय चौहान के परिसरों पर भी छापेमारी की गई है।
भूपेश बघेल के आवास पर ईडी की इस कार्रवाई के दौरान भारी मात्रा में नकदी बरामद होने की खबरें हैं, जिसके लिए नोट गिनने की मशीनें मंगाई गई हैं। इस छापेमारी के विरोध में बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता और समर्थक उनके घर के बाहर एकत्रित हुए हैं। कांग्रेस नेताओं ने इस कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया है। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि भाजपा कांग्रेस को रोकने या डराने में सफल नहीं हो पाएगी। छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रभारी सचिन पायलट ने इसे केंद्र सरकार की राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई बताया, जबकि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि कांग्रेस न झुकी है, न झुकेगी।
ईडी की इस कार्रवाई के बाद राजनीतिक माहौल गरमा गया है, और कांग्रेस नेताओं ने इसे लोकतंत्र पर हमला बताया है। वहीं, भाजपा नेताओं का कहना है कि भूपेश बघेल के कार्यकाल में बड़े घोटाले हुए हैं, जिनकी जांच ईडी द्वारा की जा रही है।