बढ़ती उम्र में भी खुद को सक्रिए बनाए रखने के लिए टहलना काफी मददगार साबित होता है। चिकित्सकों की सलाह माने तो बुजुर्गों को प्रतिदिन 20-30 मिनट टहलना चाहिए। टहलना बुजुर्गों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बेहतर होता है।
बुजुर्ग यदि सुबह-शाम पार्क में हल्की सैर करेंगे तो उनके रक्त संचार में सुधार होगा, जिससे उनके हृदय संबंधित रोगों में आराम मिलेगा। पार्क में वॉकवे पर चलने से पैरों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और जोड़ों में लचीलापन आता है। नियमित चलने से वजन भी नियंत्रित होता है और साथ-साथ पाचन संबंधित विकार दूर होते हैं। टहलने से डायबिटीज भी कंट्रोल रहती है।
पार्क में घूमने से एंडोर्फिन हार्मोन रिलीज होता है, जो डिप्रेशन को कम करने में सहायक है। घूमने से मस्तिष्क की कार्यक्षमता बढ़ती है और इससे बुजुर्गों की याददाश्त मजबूत होती है। बुजुर्गों को रात में 15-20 मिनट चलहकदमी करने से नींद अच्छी आती है। नियमित रूप से पार्क में सूरज की रोशनी में घूमने से विटामिन डी की कमी नहीं होती।
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