अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को चेतावनी दी है कि यदि वह नए परमाणु समझौते पर सहमत नहीं होता है, तो उसे "अभूतपूर्व बमबारी" का सामना करना पड़ सकता है। ट्रंप ने यह बयान एनबीसी न्यूज को दिए एक साक्षात्कार में दिया, जिसमें उन्होंने जोर देकर कहा कि यदि ईरान समझौते के लिए तैयार नहीं होता है, तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
ट्रंप प्रशासन ने पहले 2015 के परमाणु समझौते से अमेरिका को बाहर निकाला था और ईरान पर कड़े प्रतिबंध लगाए थे, जिससे उसकी अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रभाव पड़ा। इन प्रतिबंधों के बावजूद, ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम को जारी रखा, जिससे पश्चिमी देशों में चिंता बढ़ गई है कि ईरान परमाणु हथियार विकसित कर सकता है।
हाल ही में, ट्रंप ने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को एक पत्र भेजा, जिसमें नए परमाणु समझौते के लिए वार्ता शुरू करने का प्रस्ताव दिया गया था। हालांकि, ईरान ने सीधे वार्ता करने से इनकार कर दिया है, लेकिन अप्रत्यक्ष वार्ता की संभावना को खुला रखा है। ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेज़ेश्कियान ने कहा कि अमेरिका को अपनी विश्वसनीयता साबित करनी होगी, क्योंकि उसने पहले किए गए वादों को तोड़ा है।
इन बढ़ते तनावों के बीच, अमेरिका ने हिंद महासागर में स्थित डिएगो गार्सिया द्वीप पर कई बी-2 स्टील्थ बॉम्बर्स तैनात किए हैं, जो ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले करने में सक्षम हैं। यह तैनाती ईरान पर दबाव बढ़ाने और उसे वार्ता की मेज पर लाने के उद्देश्य से की गई है।
ईरान और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव और संभावित सैन्य कार्रवाई की आशंका से वैश्विक समुदाय चिंतित है। विशेषज्ञों का मानना है कि दोनों देशों को कूटनीतिक समाधान की ओर बढ़ना चाहिए ताकि क्षेत्र में स्थिरता बनी रहे और संभावित संघर्ष से बचा जा सके।