घिबली स्टाइल एआई इमेज का बढ़ता क्रेज़

Jitendra Kumar Sinha
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सोशल मीडिया पर इन दिनों घिबली आर्ट (Ghibli Art) एनिमेशन का क्रेज़ छाया हुआ है। एआई प्लेटफ़ॉर्म्स के माध्यम से लोग अपनी तस्वीरों को घिबली स्टाइल में बदल रहे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह घिबली एनिमेशन कहां से आया है? इसका श्रेय जापानी एनिमेटर हायाओ मियाज़ाकी (Hayao Miyazaki) और उनके स्टूडियो घिबली को जाता है।


मियाज़ाकी को जापानी एनिमेशन की दुनिया का बादशाह माना जाता है। उन्होंने 25 से अधिक एनिमेटेड फ़िल्में और टीवी सीरीज़ बनाई हैं, जिनमें 'स्पिरिटेड अवे' (Spirited Away) सबसे प्रसिद्ध है। इस फ़िल्म ने दुनियाभर में 275 मिलियन डॉलर (करीब 2300 करोड़ रुपये) से अधिक की कमाई की थी।


स्टूडियो घिबली न केवल अपनी एनिमेशन फ़िल्मों से, बल्कि अपने प्रोडक्ट्स जैसे खिलौने, कपड़े, DVD की बिक्री और ऑनलाइन स्ट्रीमिंग राइट्स से भी अच्छी खासी कमाई करता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मियाज़ाकी की नेटवर्थ करीब 50 मिलियन डॉलर (लगभग 428 करोड़ रुपये) है।


हालांकि, मियाज़ाकी एआई-जनित घिबली स्टाइल इमेजेज़ से खुश नहीं हैं। उन्होंने एआई को "जिंदगी का अपमान" कहा है, यह मानते हुए कि एआई इंसानी भावनाओं और क्रिएटिविटी को समझने में असमर्थ है। 


घिबली आर्ट की बढ़ती लोकप्रियता के बावजूद, यह स्पष्ट है कि मियाज़ाकी की पारंपरिक एनिमेशन कला की गहराई और भावना को एआई पूरी तरह से नहीं पकड़ सकता

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