केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को लोकसभा में इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल 2025 पेश किया। यह बिल देश की सुरक्षा और विदेशी नागरिकों का लेखा-जोखा सुनिश्चित करेगा और पुरानी अप्रवासन नीतियों की जगह नई नीति लाएगा, जिससे भारत आने वाले सभी विदेशी नागरिकों का ऑटोमेटिक डेटाबेस तैयार होगा।
गृह मंत्री ने कहा है कि 'देश की सीमा में कौन आता है? कब आता है? कितने समय के लिए आता है? किस उद्देश्य से आता है? यह जानना सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी है।' उन्होंने कहा है कि व्यापार, शिक्षा और मैन्युफैक्चरिंग के लिए आने वालों का स्वागत है, पर जो शांति भंग करेंगे, चाहे वह रोहिंग्या हो या बांग्लादेशी, उन पर कड़ी कार्रवाई होगी।
इस बिल में प्रावधान किया गया है कि विदेश से किसी भी व्यक्ति को बुलाने पर संस्था या संबंधित व्यक्ति को सूचना देनी होगी। विदेशी नागरिकों के अवैध प्रवेश पर नियंत्रण, अनिवार्य पंजीकरण और निगरानी होगी। बिना वैध पासपोर्ट या वीजा के प्रवेश करने पर पांच वर्ष तक की कैद और पांच लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है। जाली दस्तावेजों का उपयोग करने पर दो से सात वर्ष तक की कैद और 1 से 10 लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है। आप्रवासन कानून के उल्लंघन पर अधिकारियों को बिना वारंट के गिरफ्तारी करने का अधिकार होगा।
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