धार जिले के ग्राम खेड़ी स्थित नवनिर्मित बाबा खाटू श्याम मंदिर में बुधवार देर रात हुई चोरी की वारदात ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया। आस्था के केंद्र माने जाने वाले इस मंदिर से लगभग 10 लाख रुपए का कीमती सामान चोरी हो जाने से न सिर्फ भक्तों में आक्रोश है, बल्कि पूरे इलाके में भय और असुरक्षा का माहौल पसर गया है।
ग्रामीणों के अनुसार, अज्ञात बदमाश देर रात मंदिर की दीवार फांदकर अंदर घुसे और वहां रखे बहुमूल्य सामान को चुरा ले गए। चोरी हुए सामान में चांदी का छत्र, बाबा का मुकुट, दानपात्र में रखी नकदी और अन्य धार्मिक वस्तुएं शामिल हैं। अनुमानित कीमत लगभग 10 लाख रुपए बताई जा रही है।
सुबह जब पुजारी मंदिर खोलने पहुंचे, तो ताले टूटे मिले और पूरा सामान अस्त-व्यस्त पड़ा था। इसके बाद चोरी की खबर आग की तरह पूरे गांव में फैल गई।
घटना की जानकारी मिलते ही बड़ी संख्या में ग्रामीण और बाबा श्याम के भक्त मंदिर परिसर में इकट्ठा हो गए। लोगों में गुस्सा इतना अधिक था कि उन्होंने मुख्य मार्ग पर चक्का जाम कर दिया। ग्रामीणों ने पुलिस प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए तुरंत कार्रवाई की मांग की।
उनका कहना था कि मंदिर क्षेत्र में सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं होने से असामाजिक तत्वों को चोरी करने का मौका मिलता है। जब-जब ग्रामीणों ने सुरक्षा बढ़ाने की मांग की, उसे नजरअंदाज कर दिया गया।
हंगामा बढ़ता देख पुलिस टीम मौके पर पहुंची और स्थिति को शांत कराने का प्रयास किया। पुलिस ने चोरी की जगह का निरीक्षण किया और फिंगरप्रिंट एक्सपर्ट की मदद से साक्ष्य जुटाए। आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी खंगाली जा रही है।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर चोरी हुआ सामान बरामद कर लिया जाएगा। हालांकि ग्रामीणों का कहना है कि जब तक सुरक्षा व्यवस्था मजबूत नहीं होती, इस तरह की घटनाओं की संभावना बनी रहेगी।
मंदिर से जुड़ी वस्तुएं भक्तों की आस्था का प्रतीक होती हैं। ऐसे में इस चोरी ने लोगों की धार्मिक भावनाओं को गहरा आघात पहुंचाया है। ग्रामीणों का कहना है कि यह सिर्फ चोरी नहीं है, बल्कि आस्था पर हमला है।
मंदिर समिति ने भी इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए सुरक्षा के लिए रात के समय गार्ड तैनात करने और सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया है।
खाटू श्याम मंदिर में हुई चोरी ने पूरे क्षेत्र को स्तब्ध कर दिया है। प्रशासन और पुलिस पर भरोसा बनाए रखने के लिए शीघ्र कार्रवाई आवश्यक है। साथ ही, मंदिरों और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा में लापरवाही अब किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं की जानी चाहिए। भक्तों की आस्था और भावनाओं की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाने ही होंगे।
