उल्लू अपनी गर्दन को लगभग 270 डिग्री कोण तक घुमा लेने की क्षमता रखता हैं। इसका कारण उनकी गर्दन का लचीलापन तो है ही, उसके अलावा उनका सिर केवल एक जोड़ी जॉइंट के साथ जुड़ा होता है।
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी की रिसर्च के अनुसार, उल्लू के पास बैकअप आर्टरी होती है, जो यह सुनिक्षित करती है कि जब वे अपनी गर्दन को अत्यधिक घुमाएं, तो भी उन्हें रक्त और पोषक तत्व मिलता रहे।
गर्दन को घुमाते समय उल्लू की रक्त वाहिकाओं के कट जाने पर भी इन बैकअप आर्टरी से उनके मस्तिष्क को आवश्यक रक्त मिलता रहता है। यह विशेषता उल्लू को अन्य पक्षियों से अलग बनाती है, क्योंकि उनकी गर्दन को घुमाने के दौरान मस्तिष्क को नुकसान होने का खतरा नहीं रहता है।
उल्लू की यह अद्वितीय क्षमता और शारीरिक संरचना उन्हें असाधारण शिकारी बनाती है
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