बिहार सरकार के जल संसाधन विभाग में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के तहत शनिवार को कुल 98 कनीय अभियंताओं को नियुक्ति पत्र प्रदान किए गए। यह नियुक्तियाँ बिहार तकनीकी सेवा आयोग (BTSC) द्वारा विज्ञापन संख्या-01/2019 के अंतर्गत की गई चयन प्रक्रिया के बाद की गई हैं।
पटना स्थित सिंचाई भवन के सभागार में आयोजित इस नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधान सचिव श्री संतोष कुमार मल्ल ने की। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने सभी नवचयनित अभियंताओं को शुभकामनाएँ दीं और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
श्री मल्ल ने अपने प्रेरणादायी संबोधन में कहा, "आप सभी युवा अभियंता हमारे विभाग की नई ऊर्जा हैं। आपके विचारों की नवीनता विभाग को नई दिशा दे सकती है। अनुशासन और प्रतिबद्धता के साथ कार्य करें, वरिष्ठों से सीखें, और विभागीय संस्कृति में खुद को ढालें।" उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि नवचयनित अभियंताओं को शीघ्र ही प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा, जिससे वे विभागीय कार्यों की बेहतर समझ विकसित कर सकें।
नियुक्ति प्रक्रिया का संक्षिप्त विवरण:
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बिहार तकनीकी सेवा आयोग द्वारा जल संसाधन विभाग के लिए कुल 2338 अभियंताओं की अनुशंसा की गई थी।
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फरवरी 2025 में इनमें से 2015 अभियंताओं को नियुक्त कर विभिन्न कार्यालयों में पदस्थापित किया जा चुका है।
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कुछ अभ्यर्थी जो दस्तावेज़ सत्यापन में अनुपस्थित थे, उनके लिए पुनः सत्यापन 21 मार्च 2025 को आयोजित किया गया।
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आयोग द्वारा अतिरिक्त 12 अभियंताओं की अनुशंसा भी विभाग को सौंपी गई।
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इन प्रक्रियाओं के परिणामस्वरूप शनिवार को कुल 98 कनीय अभियंताओं को नियुक्ति पत्र सौंपे गए, जिनमें 12 महिलाएं एवं 86 पुरुष अभियंता शामिल हैं।
विभिन्न पदों पर नियुक्ति का विवरण:
प्रमुख उपस्थितियाँ:
इस अवसर पर जल संसाधन विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे जिनमें प्रमुख रूप से:
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श्री मनोज रमण (अभियंता प्रमुख - बाढ़ नियंत्रण एवं जल निस्सरण)
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श्री शरद कुमार (अभियंता प्रमुख - मुख्यालय)
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श्री अवधेश कुमार (अभियंता प्रमुख - सिंचाई सृजन)
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श्री संजय कुमार ओझा (मुख्य अभियंता - योजना एवं मॉनिटरिंग)
पृष्ठभूमि में एक बड़ी पहल:
गौरतलब है कि 4 फरवरी 2025 को आयोजित एक भव्य समारोह में मुख्यमंत्री महोदय द्वारा आयोग द्वारा अनुशंसित कुल 6341 अभियंताओं को नियुक्ति पत्र सौंपे गए थे, जिनमें जल संसाधन विभाग के 2015 अभियंता भी सम्मिलित थे।
इस प्रकार, बिहार सरकार द्वारा युवाओं को सरकारी सेवाओं में अवसर देने की दिशा में यह कदम न केवल प्रशंसनीय है, बल्कि राज्य के बुनियादी ढांचे को और सशक्त करने में भी सहायक सिद्ध होगा। नवचयनित अभियंताओं से यह अपेक्षा की जाती है कि वे पूर्ण निष्ठा, तकनीकी कौशल और सेवा भाव के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करें।
बिहार का जल संसाधन विभाग अब नए जोश और ऊर्जा से लैस होकर विकास की दिशा में और भी तेज़ी से अग्रसर होगा।
