ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने हाल ही में संसद में पारित वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त की है। बोर्ड ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से इस विधेयक पर चर्चा करने के लिए तत्काल मुलाकात का अनुरोध किया है।
AIMPLB के महासचिव मौलाना मुहम्मद फज़लुर रहीम मुजद्दिदी ने एक बयान में कहा कि यह विधेयक "देश के मुसलमानों पर एक हमला" है और इसे "पूरी तरह असंवैधानिक" करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार सत्ता के नशे में चूर होकर देश में विभाजन का माहौल बना रही है और यह विधेयक उसी एजेंडे का हिस्सा है।
बोर्ड ने यह भी घोषणा की है कि यदि उनकी चिंताओं पर ध्यान नहीं दिया गया तो वे राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन और कानूनी कार्रवाई करेंगे। AIMPLB के प्रवक्ता एस.क्यू.आर. इलियास ने कहा कि वे राष्ट्रपति से मिलकर अपनी चिंताओं को व्यक्त करना चाहते हैं और इस विधेयक के संभावित प्रभावों पर चर्चा करना चाहते हैं।
वहीं, भाजपा नेता और ऑल इंडिया सूफी बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष हाजी अराफत शेख ने इस विधेयक का स्वागत किया है और मुस्लिम समुदाय से अपील की है कि वे विपक्षी आवाज़ों से गुमराह न हों। उन्होंने कहा कि यह विधेयक पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार को समाप्त करने में मदद करेगा, जिससे आम मुसलमानों को लाभ होगा।
इस बीच, कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद और AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने इस विधेयक की संवैधानिक वैधता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, यह दावा करते हुए कि यह मुस्लिम समुदाय के धार्मिक स्वायत्तता को कमजोर करता है।
यह विवादास्पद विधेयक अब राष्ट्रपति की मंजूरी का इंतजार कर रहा है, और देश भर में इसके समर्थन और विरोध में विभिन्न प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं।
