भारत ने बांग्लादेश को दी जा रही ट्रांसशिपमेंट सुविधा को तुरंत प्रभाव से रद्द कर दिया है, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक समीकरणों में बड़ा बदलाव देखा जा सकता है। यह कदम बांग्लादेश की हालिया चीन के प्रति झुकाव और विवादास्पद बयानों के बाद उठाया गया है।
क्या थी ट्रांसशिपमेंट सुविधा?
इस सुविधा के तहत बांग्लादेश को यह अधिकार मिला हुआ था कि वह भारत के ज़रिए अपना माल नेपाल, भूटान और म्यांमार जैसे लैंडलॉक्ड देशों तक भेज सके। इससे बांग्लादेश के व्यापारियों को न सिर्फ समय की बचत होती थी, बल्कि लॉजिस्टिक्स लागत भी कम आती थी।
अब इस फैसले के बाद बांग्लादेश को अपना सामान इन देशों तक पहुंचाने में अधिक समय और खर्च झेलना पड़ेगा। इससे न सिर्फ बांग्लादेश की अंतरराष्ट्रीय व्यापार स्थिति पर असर पड़ेगा, बल्कि उसके पड़ोसी देशों से संबंधों में भी तनाव बढ़ सकता है।
चीन के साथ नजदीकी बनी वजह
जानकारों के मुताबिक, इस फैसले के पीछे मुख्य कारण बांग्लादेश की कार्यवाहक सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस द्वारा हाल में दिए गए बयान हैं। उन्होंने अपने चीन दौरे के दौरान कहा था कि भारत के पूर्वोत्तर राज्य लैंडलॉक्ड हैं और समुद्र तक पहुंचने के लिए बांग्लादेश पर निर्भर हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने चीन को खुला आमंत्रण दिया कि वह इस भौगोलिक लाभ का उपयोग करे।
इस बयान को भारत ने स्ट्रैटेजिक दबाव बनाने की कोशिश माना और इसे सीधा अपने राष्ट्रीय हितों के खिलाफ करार दिया। इसके बाद भारत ने स्पष्ट संदेश देते हुए यह विशेष सुविधा समाप्त कर दी।
आधिकारिक पुष्टि
सूत्रों की मानें तो सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेस एंड कस्टम्स (CBIC) ने इस फैसले की औपचारिक पुष्टि करते हुए एक सर्कुलर जारी किया है, जिसमें ट्रांसशिपमेंट सुविधा को तत्काल प्रभाव से खत्म करने की बात कही गई है।
