उड़ान योजना के तहत बिहार के 7 हवाई अड्डों का होगा विकास

Jitendra Kumar Sinha
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बिहार के नागरिकों के लिए एक बड़ी सौगात सामने आई है। केंद्र सरकार ने उड़ान योजना (उड़े देश का आम नागरिक) के तहत राज्य के सात शहरों में हवाई अड्डों के विकास को मंजूरी दे दी है। वीरपुर, सहरसा, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, वाल्मिकीनगर, मधुबनी और पूर्णिया जैसे शहरों के हवाई अड्डों के विस्तार और उन्नयन के लिए 190 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है।


यह निर्णय नागरिक उड्डयन मंत्रालय की 15वीं परियोजना मूल्यांकन समिति (PEC) की बैठक में लिया गया, जिसकी अध्यक्षता मंत्रालय के सचिव ने नई दिल्ली स्थित राजीव गांधी भवन में की।




मुख्यमंत्री की विशेष पहल लाई रंग

मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने राज्य में नागर विमानन को बढ़ावा देने के लिए विशेष पहल की थी। 4 सितंबर 2024 को उन्होंने मुख्य सचिव एवं भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) के अधिकारियों के साथ बैठक की थी। इसके बाद 13 मार्च 2025 को पटना एयरपोर्ट के नए टर्मिनल और बिहटा सिविल एन्क्लेव का निरीक्षण करते हुए, मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार द्वारा पूर्ण सहयोग सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था।




इन हवाई अड्डों से छोटे विमानों का परिचालन

बिहार सरकार के अनुरोध पर केंद्र सरकार ने इन सात हवाई अड्डों से 20 सीटों तक वाले छोटे विमानों के संचालन की मंजूरी दी है। इसके तहत विकास कार्यों के लिए आवश्यक राशि जारी कर दी गई है। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) इन हवाई अड्डों का निर्माण और विकास करेगा, जिसके लिए राज्य सरकार AAI के साथ एक समझौता (MoU) करेगी।




पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा: वाल्मिकीनगर का उदाहरण

वाल्मिकीनगर में स्थित बिहार का एकमात्र टाइगर रिज़र्व हाल के वर्षों में पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन चुका है। हवाई कनेक्टिविटी मिलने से पर्यटकों की संख्या में तेजी से वृद्धि होने की संभावना है। इससे क्षेत्रीय पर्यटन उद्योग को भी मजबूती मिलेगी।




आपदा प्रबंधन में भी कारगर

राज्य के विभिन्न हिस्सों में अक्सर बाढ़ और अन्य आपदाएं आती हैं। इन परिस्थितियों में हवाई अड्डों की संख्या और पहुंच बढ़ने से राहत एवं बचाव कार्यों को तेजी से अंजाम दिया जा सकेगा। उड़ान योजना के तहत विकसित हो रहे ये हवाई अड्डे आपदा प्रबंधन में अहम भूमिका निभाएंगे।




उड़ान योजना: एक नज़र में उद्देश्य

  • छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों को हवाई मार्ग से जोड़ना

  • हवाई यात्रा को सुलभ, सस्ती और समय बचाने वाला बनाना

  • स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति देना

  • रोजगार के नए अवसरों का सृजन

  • पर्यटन स्थलों तक बेहतर पहुंच सुनिश्चित करना

  • पिछड़े क्षेत्रों को मुख्यधारा से जोड़कर सामाजिक समावेशन को बढ़ावा देना




राज्य को क्या होगा फायदा?

नागर विमानन क्षेत्र में यह बड़ा निवेश बिहार के समग्र विकास में मील का पत्थर साबित होगा। हवाई अड्डों के विस्तार से व्यापार, पर्यटन और आपातकालीन सेवाओं की गति बढ़ेगी। साथ ही, स्थानीय युवाओं के लिए भी रोजगार के नए द्वार खुलेंगे।




जारी की गई राशि का विवरण

  • वीरपुर, सहरसा, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, वाल्मिकीनगर और मधुबनीप्रत्येक के लिए ₹25 करोड़

  • पूर्णिया एयरपोर्ट₹40 करोड़




उड़ान योजना के तहत बिहार को मिली यह सौगात न केवल हवाई संपर्क को बढ़ाएगी, बल्कि राज्य के आर्थिक, सामाजिक और पर्यटक विकास में भी अहम भूमिका निभाएगी। लंबे समय से उपेक्षित इन हवाई अड्डों का पुनर्जीवन अब एक नई उड़ान भरने को तैयार है।


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