बिहार सरकार राज्य के 10 जिलों में 1308 आदिवासी परिवारों को अब पक्का मकान का सौगात देने जा रही है। यह योजना प्रधानमंत्री जनजातीय न्याय महाअभियान (PM-JANMAN) के अंतर्गत चलाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य पिछड़े और वंचित जनजातीय समुदायों को बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराना है।
इस योजना के तहत हर चयनित आदिवासी परिवार को ₹2 लाख की सहायता राशि दी जाएगी ताकि वे अपना पक्का घर बना सके। इससे न केवल उनकी जीवनशैली में सुधार आएगा, बल्कि यह कदम सामाजिक न्याय और समावेशन की दिशा में एक मजबूत प्रयास भी माना जा रहा है।
राज्य के जिन 10 जिलों में आदिवासी परिवारों को इस योजना का लाभ दिया जाएगा, वह जिला है- बांका, कैमूर, भागलपुर, गया, कटिहार, किशनगंज, मधेपुरा, नवादा, पूर्णिया और सुपौल। इन जिलों में विशेष रूप से अनुसूचित जनजातियों की अच्छी-खासी आबादी है, जो अब तक मूलभूत आवासीय सुविधाओं से वंचित रही है।
इस योजना का लाभ नौ अति पिछड़ी जनजातियों को मिलेगा, जिसमें असुर, बिरहोर, बिरजिया, हिलखरिया, कोरवा, मालपहाड़िया, पहरइया, सौरी पहाड़िया और सबर जनजाति शामिल हैं। यह सभी जनजाति समाज के सबसे वंचित वर्गों में शामिल हैं, जिन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास जैसी बुनियादी सेवाओं से अब तक बहुत कम फायदा मिल पाया है।
इन परिवारों के लिए पक्का मकान महज एक संरचना नहीं, बल्कि आत्मसम्मान और स्थायित्व का प्रतीक होगा। मौसम की मार और असुरक्षित झोपड़ियों से निकलकर जब ये परिवार अपने नए घरों में रहेंगे, तो उनके बच्चों की पढ़ाई, महिलाओं की सुरक्षा और परिवार की समग्र जीवनशैली में बड़ा सुधार होगा।
राज्य सरकार और जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा चलाया जा रहा इस अभियान का सराहना किया जा रहा है। यह पहल न केवल आवासीय असमानता को दूर करेगी, बल्कि आदिवासी समुदायों को मुख्यधारा से जोड़ने में भी सहायक होगी।