भारत निर्वाचन आयोग ने मतदाताओं को समय पर पहचान पत्र (EPIC) उपलब्ध कराने के लिए एक बड़ी पहल की है। अब मतदाता सूची में नाम जुड़वाने या उसमें किसी प्रकार का संशोधन कराने के लिए महज 15 दिनों के अंदर मतदाता पहचान पत्र घर पर पहुंच जायेगा। इसके लिए आयोग ने एक नई मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) लागू किया है, जिससे यह प्रक्रिया पहले से कहीं अधिक तेज, पारदर्शी और तकनीकी रूप से सक्षम हो गया है।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार, निर्वाचन आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी के नेतृत्व में यह निर्णय लिया गया है। इस पहल का उद्देश्य मतदाताओं को सुविधा प्रदान करना है और मतदान प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता और भरोसा लाना है।
चुनाव आयोग ने इसके लिए ECI-Net प्लेटफॉर्म पर एक नया IT मॉड्यूल तैयार किया है। यह मॉड्यूल EPIC यानि मतदाता पहचान पत्र के छपाई से लेकर डाक विभाग द्वारा वितरण तक की पूरी प्रक्रिया को रियल टाइम में ट्रैक करेगा। इससे अब किसी भी प्रकार की देरी, लापरवाही या सूचना के अभाव की समस्या नहीं रहेगी।
नये सिस्टम की सबसे खास बात यह है कि अब मतदाता को पहचान पत्र की स्थिति की जानकारी हर चरण पर SMS के माध्यम से दी जाएगी। जैसे ही नाम मतदाता सूची में जुड़ता है, EPIC छपने के लिए जाता है, और जब वह पोस्ट ऑफिस को सौंपा जाता है- हर जानकारी मोबाइल पर सीधे पहुंचेगी।
पहले मतदाता पहचान पत्र मिलने में कई बार महीनों की देरी होती थी। आवेदन स्वीकार होने के बाद भी कार्ड कब छपेगा, कब पहुंचेगा, इसकी कोई निश्चित जानकारी नहीं रहती थी। कई बार मतदाताओं को ब्लॉक या जिला कार्यालय के चक्कर भी लगाने पड़ते थे। इस नई व्यवस्था से इन तमाम समस्याओं का अंत हो जायेगा।
यह पहल डिजिटल इंडिया अभियान के तहत एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे सरकार की ई-गवर्नेंस नीति को भी बल मिलेगा। तकनीक की मदद से नागरिक सेवाओं को तेज और पारदर्शी बनाना इस अभियान की प्रमुख प्राथमिकता है।
भारत निर्वाचन आयोग की यह नयी पहल न केवल मतदाताओं के लिए समय की बचत करेगा, बल्कि चुनावी व्यवस्था पर भरोसा को भी मजबूत बनाएगा। 15 दिनों में EPIC कार्ड का वितरण, रियल टाइम ट्रैकिंग और SMS अलर्ट जैसी सुविधाएं इस बात का प्रमाण हैं कि भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था अब तकनीक की सहायता से और अधिक मजबूत और प्रभावी बन रही है।