1 जुलाई से ICICI और HDFC बैंकिंग नियम होगा बदलाव - ग्राहक पर बढ़ेगा बोझ

Jitendra Kumar Sinha
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1 जुलाई 2025 से देश के दो बड़े प्राइवेट बैंक-  ICICI बैंक और HDFC बैंक, अपने बैंकिंग नियमों में बदलाव करने जा रहे है। इन बदलावों का सीधा असर उन ग्राहकों पर पड़ेगा जो ATM, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, IMPS, गेमिंग ऐप्स जैसी सेवाओं का उपयोग करते हैं। 

ICICI बैंक ने ATM ट्रांजेक्शन के शुल्क में संशोधन किया है। संशोधन के अब मेट्रो शहरों में, हर महीने 3 फ्री ट्रांजेक्शन (फाइनेंशियल) मिलेगा। गैर-मेट्रो (छोटे) शहरों में,  5 फ्री ट्रांजेक्शन (फाइनेंशियल) की सुविधा रहेगा। इसके बाद, फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन (नकद निकासी), ₹23 प्रति ट्रांजेक्शन (पहले ₹21 था) और नॉन-फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन (बैलेंस चेक आदि): ₹8.5 प्रति ट्रांजेक्शन ग्राहक से वसूलेगी। यह नियम सिर्फ तब लागू होगा, जब ग्राहक ICICI बैंक के बजाय किसी अन्य बैंक के एटीएम का उपयोग करेगा।

ICICI बैंक ने तत्काल भुगतान सेवा (IMPS) के लेन-देन पर स्लैब आधारित शुल्क लागू किया है। इस स्लैब के तहत ₹1,000 तक ट्रांजेक्शन पर ₹2.50, ₹1,000 से ₹1 लाख तक ट्रांजेक्शन पर ₹5, ₹1 लाख से ₹5 लाख तक ट्रांजेक्शन पर ₹15 शुल्क (प्रति लेनदेन) ग्राहक से वसूलेगा। इसका अर्थ है कि डिजिटल ट्रांजेक्शन भी अब मुफ्त नहीं रह जायेगा।

कैश विदड्रॉल (नकद निकासी) पर हर महीने ग्राहक को तीन मुफ्त नकद निकासी की सुविधा मिलेगी। इसके बाद की हर निकासी पर ₹150 का शुल्क लगेगा। अगर किसी महीने में नकद निकासी ₹1 लाख से अधिक होता है, तो उस पर प्रति ₹1,000 पर ₹3.5 या ₹150, जो भी अधिक हो, शुल्क देना होगा।

नियमित डेबिट कार्ड का वार्षिक शुल्क अब ₹300, ग्रामीण ग्राहकों के लिए, ₹150 प्रति वर्ष देना होगा। वहीं, कार्ड खो जाने या खराब हो जाने पर नया कार्ड के लिए ₹300 प्रति कार्ड देना होगा।
यह शुल्क ग्राहकों के लिए अतिरिक्त बोझ बन सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जो नकदी लेन-देन में ज्यादा भरोसा रखते हैं।

अब ICICI बैंक की, कैश डिपॉजिट, चेक डिपॉजिट, डिमांड ड्राफ्ट (DD), पे ऑर्डर इन सभी पर प्रत्येक ₹1,000 पर ₹2 का शुल्क लगेगा। न्यूनतम शुल्क ₹50 और अधिकतम शुल्क ₹15,000 होगा। इसका अर्थ यह है कि अगर आप बैंक में कोई बड़ा अमाउंट डिपॉजिट करते हैं या चेक के जरिए ट्रांजेक्शन करते हैं, तो भी शुल्क काफी ज्यादा हो सकता है।

HDFC बैंक के क्रेडिट कार्ड से Dream11, MPL, RummyCircle जैसे गेमिंग ऐप्स पर हर महीने ₹10,000 से अधिक खर्च करते हैं, तो अब आपको चुकाना होगा 1% अतिरिक्त शुल्क, अधिकतम शुल्क: ₹4,999 प्रति माह तक सीमित रहेगा, इन ट्रांजेक्शन पर कोई रिवॉर्ड पॉइंट भी नहीं मिलेगा। यह फैसला बैंक ने गेमिंग गतिविधियों को कंट्रोल करने और अनावश्यक खर्च को हतोत्साहित करने के उद्देश्य से लिया है।

इन सभी बदलावों का असर कम आय वाले और ग्रामीण ग्राहकों के लिए बैंकिंग महंगी हो जाएगी। ATM से बार-बार नकद निकासी करने वालों को ज्यादा भुगतान करना पड़ेगा। डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने की नीति अब शुल्क के कारण उलटा पड़ सकता है। गेमिंग यूजर्स के लिए HDFC का फैसला झटका साबित हो सकता है।

ग्राहकों को चाहिए कि जितना हो सके, नेट बैंकिंग और UPI का उपयोग करें, जिन पर अभी भी अधिकतर ट्रांजेक्शन फ्री हैं। एक ही बैंक के एटीएम का उपयोग करें और मासिक लिमिट के भीतर ही नकद निकासी करें। HDFC क्रेडिट कार्ड से गेमिंग ऐप पर खर्च करने से बचें या लिमिट में रहें। बैंक की नई शुल्क संरचना को ध्यान से पढ़ें और उसके अनुसार अपनी सेवाएं चुनें। बजट प्लानिंग पहले से करें, ताकि अतिरिक्त शुल्क से बचा जा सके।

1 जुलाई 2025 से लागू होने जा रहा यह बैंकिंग नियम बदलाव के उस दौर का संकेत हैं, जहां ग्राहकों से हर छोटी सुविधा के बदले शुल्क लिया जा सके। ICICI और HDFC जैसे बैंकों का यह निर्णय न केवल सेवा शुल्क बढ़ाता हैं, बल्कि बैंकिंग के स्वरूप को भी प्रभावित करता हैं।



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