21 जून को विश्वभर में मनाया जाने वाला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस इस बार एक नई चेतना और उद्देश्य के साथ सामने आ रहा है। 2025 के योग दिवस की थीम है – "एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग", जो मानवता, पर्यावरण और समग्र स्वास्थ्य के बीच गहरे रिश्ते को उजागर करती है। इस वैश्विक अवसर पर मथुरा की सांसद एवं प्रसिद्ध सिने अभिनेत्री हेमा मालिनी ने ब्रजवासियों और देशवासियों से योग को जीवन का हिस्सा बनने का आह्वान किया है।
भगवान श्रीकृष्ण की पावन नगरी मथुरा योग दिवस को उत्सव के रूप में मना रहा है। जगह-जगह योग शिविरों की तैयारियाँ जोरों पर हैं। स्कूल, कॉलेज, सामाजिक संस्थाएँ और जिला प्रशासन मिलकर लोगों को योग से जोड़ने के प्रयास में लगे हैं। हेमा मालिनी ने स्वयं अधिकारियों और सामाजिक संगठनों के साथ संवाद कर अधिक से अधिक लोगों को इस आयोजन से जोड़ने की अपील की है।
हेमा मालिनी ने बताया है कि योग केवल शरीर को लचीला और सशक्त बनाने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह मानसिक तनाव, अवसाद और चिंता जैसी बीमारियों से लड़ने की शक्ति भी प्रदान करता है। उन्होंने कहा है कि “नियमित योग अभ्यास करने से न केवल हम स्वयं स्वस्थ रहते हैं, बल्कि अपने परिवार और समाज को भी स्वास्थ्य रहने का संदेश देते हैं।”
वर्ष 2025 की थीम “One Earth, One Health” यह संकेत देता है कि जब तक हमारी धरती स्वस्थ नहीं होगी, तब तक मानवता का स्वास्थ्य अधूरा रहेगा। पर्यावरण संरक्षण, प्रकृति के साथ संतुलन और व्यक्तिगत स्वास्थ्य, इन सबको एक साथ साधने का माध्यम योग ही है। यह थीम याद दिलाता है कि योग केवल एक क्रिया नहीं, बल्कि प्रकृति और प्राणी के मध्य सामंजस्य का विज्ञान है।
हेमा मालिनी ने युवाओं, बुजुर्गों और बच्चों से योग को अपनी दैनिक दिनचर्या का हिस्सा बनाने का आग्रह किया है। उनका कहना है कि “हमारे ऋषि-मुनियों ने हजारों वर्ष पहले जिस योग का ज्ञान दिया था, वही आज संपूर्ण विश्व के लिए समाधान बन गया है।”
आज जब पूरी दुनिया पर्यावरणीय असंतुलन, जीवनशैली संबंधी रोगों और मानसिक तनाव से जूझ रही है, ऐसे में योग एक आशा की किरण है। हेमा मालिनी के नेतृत्व में मथुरा की धरती से यह संदेश दिया जा रहा है कि योग को केवल 21 जून तक सीमित न रखें, बल्कि इसे 365 दिन की जीवनशैली बनाएं।