जन सुराज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह ने स्पष्ट कर दिया है कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री पद के लिए चेहरा प्रशांत किशोर होंगे। पूर्णिया में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उदय सिंह ने यह ऐलान करते हुए कहा कि बिहार की जनता बदलाव चाहती है और यह बदलाव प्रशांत किशोर के नेतृत्व में ही संभव है। उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में लोग जन सुराज से जुड़ रहे हैं और प्रशांत किशोर की सोच और ईमानदार छवि को समर्थन दे रहे हैं।
उदय सिंह ने कहा कि प्रशांत किशोर ने पिछले कुछ वर्षों में बिहार की जमीनी सच्चाइयों को समझने के लिए गांव-गांव जाकर जनसंवाद किया है। उनकी इसी मेहनत का नतीजा है कि आज लोग उन्हें सिर्फ एक रणनीतिकार नहीं, बल्कि एक संभावित मुख्यमंत्री के रूप में देखने लगे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और हर सीट पर स्वच्छ छवि वाले, योग्य और जनता से जुड़े उम्मीदवारों को मैदान में उतारेगी।
प्रशांत किशोर की छवि एक तकनीकी और राजनीतिक रणनीतिकार की रही है, लेकिन जन सुराज के साथ उनका यह सफर अब पूरी तरह से राजनीतिक नेतृत्व की दिशा में मोड़ ले रहा है। बिहार की वर्तमान राजनीति में जहां नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव जैसे पुराने चेहरों की पकड़ बनी हुई है, वहीं प्रशांत किशोर का चेहरा युवाओं और बदलाव की उम्मीद रखने वाले मतदाताओं के लिए एक नया विकल्प बनकर उभरा है।
जन सुराज पार्टी अपने गठन के समय से ही खुद को पारंपरिक राजनीति से अलग दिखाने की कोशिश करती रही है। पार्टी का फोकस शिक्षा, रोजगार, पारदर्शिता और लोकनीति पर है। प्रशांत किशोर खुद भी कई मंचों से यह कह चुके हैं कि बिहार को विकास की उस रफ्तार पर लाने की जरूरत है, जो दशकों से रुकी हुई है।
इस ऐलान के साथ ही बिहार की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। जहां एक ओर राजद और जदयू के बीच गठबंधन की चर्चाएं हैं, वहीं भाजपा अपने दम पर चुनावी रणनीति तैयार कर रही है। ऐसे में जन सुराज की यह सीधी घोषणा कि उनका सीएम चेहरा प्रशांत किशोर होंगे, आने वाले चुनाव को त्रिकोणीय या चतुष्कोणीय बना सकती है।
अब देखना होगा कि प्रशांत किशोर सिर्फ रणनीति के मास्टरमाइंड बनकर रह जाते हैं या सच में जनता का दिल जीतकर सत्ता की कुर्सी तक पहुंच पाते हैं। लेकिन इतना तय है कि बिहार की राजनीति में अब एक नई लहर शुरू हो चुकी है, जिसका केंद्र प्रशांत किशोर बन चुके हैं।