बिहार में बिजली कनेक्शन को लेकर आम जनता के लिए बड़ी राहत की घोषणा हुई है। अब नए बिजली कनेक्शन लेने वालों को तार और पोल के लिए अतिरिक्त भुगतान नहीं करना पड़ेगा। बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने यह व्यवस्था लागू की है ताकि आम नागरिकों को किफायती दर पर और पारदर्शी तरीके से बिजली कनेक्शन मिल सके।
इस नई व्यवस्था के तहत 1 से 150 किलोवाट तक की क्षमता वाले सभी घरेलू और छोटे व्यवसायिक कनेक्शनों में उपभोक्ताओं को अब तार और पोल की लागत नहीं देनी होगी। पहले इन सामानों के लिए उपभोक्ताओं को अलग से भुगतान करना पड़ता था, जिससे कुल लागत बढ़ जाती थी। अब यह खर्च बिजली वितरण कंपनियां खुद उठाएंगी और इसे अपनी टैरिफ योजना में समाहित करेंगी।
तीन किलोवाट तक के लोड के लिए कनेक्शन की दर 2,700 रुपये तय की गई है। जबकि चार से सात किलोवाट तक के लोड के लिए यह दर प्रति किलोवाट 900 से 1,000 रुपये के बीच होगी। खास बात यह है कि 35 मीटर तक की दूरी पर लाइन और पोल की लागत उपभोक्ता से नहीं ली जाएगी। यानी अब उपभोक्ता सिर्फ कनेक्शन शुल्क देगा और अन्य खर्च की जिम्मेदारी बिजली कंपनियों की होगी।
इस कदम से खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सीधा लाभ मिलेगा, जहां अब तक तार और पोल के खर्च के नाम पर भारी रकम वसूली जाती थी। अब यह प्रक्रिया न सिर्फ सस्ती होगी बल्कि पारदर्शी भी बन जाएगी।
बिजली विभाग का यह निर्णय उस समय आया है जब राज्य में गर्मी का प्रकोप चरम पर है और नए कनेक्शन के लिए आवेदन तेजी से बढ़ रहे हैं। विभाग का दावा है कि आवेदन के 7 से 15 दिनों के भीतर कनेक्शन उपलब्ध करवा दिया जाएगा।
बिहार में बिजली व्यवस्था को लेकर अक्सर शिकायतें रही हैं, लेकिन यह निर्णय एक सकारात्मक बदलाव की ओर संकेत करता है। अब उपभोक्ता को न तो ठेकेदारों के चक्कर काटने पड़ेंगे और न ही मनमानी दरों पर भुगतान करना होगा। सरकार का यह कदम ‘सबको बिजली’ के वादे को मजबूत करता है और विकास की दिशा में एक ठोस पहल है।