नेपाल में हाल-फिलहाल हुई अशांति के बीच सेना ने सुरक्षा व्यवस्था अपने हाथों में ले ली है। पिछले 48 घंटों में विपक्षी प्रदर्शनों ने हिंसा, आत्मदाह, आगजनी और व्यापक तबाही फैला दी थी, जिसके चलते प्रधानमंत्री के इस्तीफे समेत स्थिति गंभीर हो गई। सेनाध्यक्ष ने प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील की, लेकिन कई जगहों, जैसे कि बीरगंज, में हिंसा जारी है। जेल ब्रेक और कर्फ्यू ने आम जनजीवन को प्रभावित किया, और भारत–नेपाल की सुरक्षा एजेंसियों ने आवाजाही को भी काफी हद तक सीमित कर दिया।
इतने तनावपूर्ण माहौल के बीच भी एक उम्मीद की किरण दिखी: प्रदर्शन कर चुके Gen-Z के कई युवा फिर मैदान में आए, लेकिन इस बार वे विरोध के लिए नहीं बल्कि सफाई के लिए उतरे। दस्ताने और मास्क पहने, झाड़ू और कूड़ेदान लेकर वे काठमांडू की सड़कों पर सफाई कर रहे थे। काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, कीर्तिपुर में ये युवा सुबह-सुबह ऑनलाइन मंचों पर अपील और योजना साझा करके सफाई अभियान चला रहे थे, जिससे यह संदेश गया कि वे शांति और सुधार की दिशा में कदम बढ़ाना चाहते हैं।
