मुजफ्फरपुर में ज़मीन विवादों की सुनवाई अब अंचल कार्यालयों में, थानों की जिम्मेदारी सीमित

Jitendra Kumar Sinha
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मुजफ्फरपुर में भूमि विवादों का निपटान अब नई व्यवस्था के तहत थानों की जगह अंचल कार्यालयों में प्रत्येक शनिवार निरंतर सुनवाई के ज़रिए किया जाएगा, क्योंकि पहले मामलों की सुनवाई थाने में होने के कारण कई बार नियमित नहीं हो पाती थी और वाद लंबित रह जाते थे; अब राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की इस पहल से अंचलाधिकारी और थानाध्यक्ष (या उनकी अनुपस्थिति में अपर थानाध्यक्ष) दोनों अनिवार्य रूप से बैठक में भाग लेंगे, जिससे न्याय प्रक्रिया में पारदर्शिता, जवाबदेही और समयबद्धता सुनिश्चित होगी; आवश्यकता पड़ने पर घटनास्थल का निरीक्षण दोनों पक्षों — थाना और अंचल कार्यालय — द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा, और राजस्व अधिकारी व हल्का कर्मचारी भी मौजूद रहेंगे ताकि विवादों का निष्पादन तेज हो; 


वर्तमान में रिपोर्टों के अनुसार करजा थाना पूरे जिले में सर्वश्रेष्ठ है, जिसने 203 प्राप्त आवेदनों में से सभी का निष्पादन किया है, जबकि बेला और मिठनपुरा थानों में पेंडिंग मामलों के निपटान में कोई कार्रवाई नहीं हुई; साहेबगंज थाना में कुल 462 मामले प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 438 की सुनवाई हो चुकी है; वहीं अन्य थानों जैसे ओराई, मोतीपुर, मनियारी, सकरा, पारू और अन्य में अलग-अलग संख्या में लंबित मामले हैं, जिनका क्रमशः निष्पादन किया जा रहा है—यह नया कार्यप्रणाली भूमि विवादों के निपटान को अधिक कुशल और जनता के लिए सुलभ बनाने की दिशा में उठाया गया एक ठोस और समयोचित कदम है।

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