भारत सरकार ने सिख श्रद्धालुओं को एक बड़ी राहत दी है। लंबे समय से रुकी प्रक्रिया को फिर से शुरू करते हुए केंद्र सरकार ने पाकिस्तान स्थित ननकाना साहिब के दर्शन की अनुमति प्रदान कर दी है। यह फैसला गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व से ठीक पहले आया है, जिससे श्रद्धालुओं में खुशी की लहर दौड़ गई है।
ननकाना साहिब, पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित है और सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी का जन्मस्थल माना जाता है। हर वर्ष गुरु नानक जयंती पर भारत सहित दुनिया भर से श्रद्धालु यहाँ पहुंचते हैं और विशेष श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। इस स्थान को सिख धर्मावलंबियों के लिए सबसे पवित्र तीर्थों में गिना जाता है।
पहलगाम आतंकी हमले और उसके बाद हुए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत सरकार ने सुरक्षा कारणों से पाकिस्तान यात्रा पर रोक लगा दी थी। यह रोक विशेषकर धार्मिक जत्थों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लगाई गई थी। पाकिस्तान की अस्थिर परिस्थितियों और वहां की आतंकी गतिविधियों को देखते हुए सरकार ने यह कदम उठाया था।
इस बार सरकार ने सिख श्रद्धालुओं को पाकिस्तान जाने की मंजूरी तो दे दी है, मगर कुछ सख्त शर्तें भी लागू की हैं। इनमें शामिल हैं, यात्रा के लिए केवल अधिकृत जत्थों को ही अनुमति मिलेगी। श्रद्धालुओं को पूर्व निर्धारित रजिस्ट्रेशन और पहचान सत्यापन प्रक्रिया से गुजरना होगा। यात्रा के दौरान भारतीय सुरक्षा एजेंसियों और पाकिस्तानी अधिकारियों के निर्देशों का कड़ाई से पालन करना होगा। किसी भी तरह की अवैध गतिविधि या तय मार्ग से विचलन को गंभीर अपराध माना जाएगा।
इस फैसले के बाद सिख श्रद्धालुओं में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। उनका कहना है कि गुरु नानक जयंती पर ननकाना साहिब के दर्शन का अवसर मिलना उनके जीवन का सबसे बड़ा सौभाग्य है। पिछले सालों में रोक के कारण हजारों श्रद्धालु इस अवसर से वंचित रह गए थे।
भारत-पाकिस्तान के बीच भले ही राजनीतिक और सुरक्षा तनाव जारी रहते हों, लेकिन धार्मिक यात्राएँ दोनों देशों के लोगों को जोड़ने का काम करती हैं। खासकर सिख समुदाय के लिए ननकाना साहिब और करतारपुर जैसे पवित्र स्थल आस्था का केंद्र हैं। इन तीर्थयात्राओं से न सिर्फ श्रद्धालुओं की भावनाओं को सम्मान मिलता है बल्कि यह पड़ोसी देशों के बीच सांस्कृतिक संबंधों को भी जीवित रखता है।
केंद्र सरकार का यह कदम धार्मिक स्वतंत्रता और श्रद्धालुओं की भावनाओं के सम्मान की दिशा में अहम पहल है। सुरक्षा की शर्तें लागू कर सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि आस्था और सुरक्षा दोनों में संतुलन बना रहे। अब गुरु नानक जयंती के अवसर पर बड़ी संख्या में सिख श्रद्धालु ननकाना साहिब जाकर अपने गुरु को नमन कर सकेंगे।
