तेजस्वी यादव ने बिहार चुनाव 2025 को लेकर एक बड़ा बयान देकर सियासी माहौल गरमा दिया है। पटना में एक रैली के दौरान उन्होंने चुनाव आयोग और चुनाव अधिकारियों पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर जनता के वोट से छेड़छाड़ की गई तो वे सड़क से लेकर सदन तक आंदोलन करेंगे। तेजस्वी ने चेतावनी दी कि “अगर वोट चोरी की कोशिश हुई, तो उसका नतीजा अच्छा नहीं होगा।”
उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह का नाम लेते हुए कहा कि “भाजपा के बड़े नेता और उनके लोग प्रशासनिक मशीनरी पर दबाव बनाकर चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं।” तेजस्वी ने आरोप लगाया कि बिहार में इस बार सत्ताधारी दल चुनाव आयोग और सरकारी अधिकारियों का गलत इस्तेमाल करके जनता के जनादेश को बदलने की साजिश रच रहा है।
तेजस्वी ने कहा कि राजद और विपक्ष इस बार पूरी ताकत से मैदान में हैं, और जनता सब समझ रही है। उन्होंने दावा किया कि यदि चुनाव निष्पक्ष हुआ तो “भाजपा का सफाया तय है।” रैली में उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी तंज कसा और कहा कि “जो खुद अपनी पार्टी और विचारधारा बदलते रहते हैं, उन्हें जनता अब सबक सिखाएगी।”
इस बयान के बाद भाजपा ने तेजस्वी के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि वे हार के डर से ऐसी बातें कर रहे हैं। पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि चुनाव आयोग स्वतंत्र और निष्पक्ष है, और इस तरह के बयान लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करते हैं।
बिहार की राजनीति में यह बयान नया मोड़ लाने वाला माना जा रहा है, क्योंकि इससे पहले तेजस्वी ने इतनी तीखी भाषा में चुनाव आयोग या केंद्र सरकार पर हमला नहीं किया था। अब सभी की नज़रें इस बात पर हैं कि आयोग इस बयान पर क्या प्रतिक्रिया देता है और क्या तेजस्वी अपने आरोपों के समर्थन में कोई ठोस सबूत पेश करते हैं या नहीं।
