रूस की संसद (State Duma) ने Reciprocal Exchange of Logistic Support (RELOS) समझौते को मंजूरी दे दी है — उस समझौते को जो भारत-रूस के बीच रक्षा-सहयोग और लॉजिस्टिक सपोर्ट को नए रूप में परिभाषित करता है।
इसके तहत अब दोनों देश एक-दूसरे की वायु-छावनी, बंदरगाह, एयरफील्ड और सैन्य आधारों का उपयोग आपसी लॉजिस्टिक सपोर्ट, ईंधन, मरम्मत, परिवहन आदि के लिए कर सकेंगे।
RELOS सिर्फ युद्धपोत या लड़ाकू विमानों तक सीमित नहीं — यह संयुक्त सैन्य अभ्यास, प्रशिक्षण, मानवीय राहत व आपदा प्रबंधन अभियानों का दायरा भी बढ़ाता है, जिससे दोनों देशों का रणनीतिक तालमेल और मज़बूत होगा।
यह कदम ऐसे समय पर उठा है जब Vladimir Putin भारत आने वाले हैं — 4–5 दिसंबर को उनकी यात्रा के दौरान इस समझौते के अलावा रक्षा, ऊर्जा व अन्य क्षेत्रों में अन्य महत्वपूर्ण समझौतों पर चर्चा होने की संभावना है।
