सांसदों की वेतन-भत्ते में 24% की वृद्धि - 24 महीने का होगा बकाया भुगतान

Jitendra Kumar Sinha
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केन्द्र सरकार ने सांसदों की सैलरी, भत्ते और पेंशन में बढ़ोतरी की है। यह बढ़ोतरी 1 अप्रैल, 2023 से लागू होगा। यानि 24 महीने का होगा बकाया भुगतान। 

केन्द्र सरकार ने महंगाई को ध्यान में रखते हुए सांसदों के वेतन, भत्ते और पेंशन अधिनियम, 1954 के तहत वेतनमान में संशोधन किया है। इस संशोधन से लोकसभा और राज्यसभा सांसदों का वेतन में 24% की बढ़ोतरी हुई है। इस बढ़ोतरी से सांसद का वेतन एक लाख रुपए से बढ़कर 1.24 लाख रुपए प्रति माह हो गया है। वही, दैनिक भत्ता 2000 रुपए से बढ़कर 2500 रुपए हो गया है। 

सांसदों को वेतन-भत्तों के अतिरिक्त कई अन्य सुविधाएं भी मिलती है। जिसमें 70,000 रुपए प्रति माह का निर्वाचन क्षेत्र भत्ता शामिल है। इसका इस्तेमाल चुनावी क्षेत्रों में किया जाता है। कार्यालय खर्च के लिए हर महीने 60,000 रुपए मिलते हैं। इसमें कर्मचारियों के वेतन, दूरसंचार और स्टेशनरी का खर्च शामिल होता है। इसके अतिरिक्त प्रत्येक वर्ष 50,000 यूनिट बिजली मुफ्त और 4,000 किलोलीटर पानी मुफ्त भी मिलते हैं।

वहीं, पूर्व सांसदों को मिल रही पेंशन 25,000 रुपए से बढ़कर 31,000 रुपए प्रति माह हो गया है। पांच साल से अधिक की सेवा करने वाले पूर्व सांसदों प्रत्येक वर्ष मिलने वाली अतिरिक्त पेंशन 2,000 रुपए बढ़कर 2,500 रुपए हो गई है। 

वर्तमान और पूर्व सांसदों को दिए जाने वाले वेतन, दैनिक भत्ते और पेंशन में पिछली बार अप्रैल 2018 में संशोधन किया गया था। वेतन और पेंशन में वृद्धि से राजकोष पर असर पड़ेगा। लोकसभा के 543 और राज्य सभा के 245 सांसद है। इसके अतिरिक्त सैकड़ों पूर्व सांसद भी हैं। सांसदों के साथ उनके निकटतम परिवार के सदस्यों को मुफ्त चिकित्सा देखभाल के लिए केन्द्र सरकार की स्वास्थ्य योजना के तहत कवर किया जाता है। सांसदों को हर साल 34 निःशुल्क घरेलू हवाई यात्राएं करने की भी सुविधा है। प्रमुख स्थानों पर किराए मुक्त आवास की भी सुविधा है। जो आधिकारिक आवास नहीं लेना चाहते, वे दो लाख रुपए के मासिक आवास भत्ते का दावा कर सकते हैं।

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