हाल ही में सुरक्षा एजेंसियों ने अयोध्या के राम मंदिर पर आतंकी हमले की एक बड़ी साजिश को नाकाम किया है। गुजरात एटीएस और फरीदाबाद एसटीएफ ने संयुक्त अभियान में 19 वर्षीय संदिग्ध आतंकी अब्दुल रहमान को फरीदाबाद के पाली क्षेत्र से गिरफ्तार किया। अब्दुल रहमान अयोध्या के मिल्कीपुर का निवासी है और वहां मीट की दुकान चलाता था।
अब्दुल रहमान इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रोविंस (ISKP) मॉड्यूल से जुड़ा था और उसने वीडियो कॉल के माध्यम से ट्रेनिंग ली थी। वह दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में भी काफी समय बिताया था, जहां उसके संपर्कों की जांच की जा रही है।
सुरक्षा एजेंसियों ने अब्दुल के ठिकानों से एक पेन ड्राइव बरामद की है, जिसमें राम मंदिर पर हमले का ब्लूप्रिंट था। उसके मोबाइल में कई धार्मिक स्थलों की फोटो और वीडियो भी मिले हैं, जिससे संकेत मिलता है कि उसके निशाने पर अन्य धार्मिक स्थल भी थे।
अब्दुल रहमान के पिता अबू बकर ने कहा कि यदि उनका बेटा दोषी है, तो उसे सजा मिलनी चाहिए, जबकि उसकी मां यास्मीन ने आरोप लगाया कि उनके बेटे को फंसाया जा रहा है।
वर्तमान में अब्दुल रहमान 10 दिन की एसटीएफ रिमांड पर है, जहां उससे पूछताछ जारी है। सुरक्षा एजेंसियां उसके आतंकी नेटवर्क और हमले की साजिश से जुड़े सुराग जुटाने में लगी हैं।
इस घटना ने सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है, और वे राम मंदिर और आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही हैं ताकि अब्दुल रहमान के संपर्कों और गतिविधियों का पता लगाया जा सके।
यह साजिश नाकाम होने से देश में धार्मिक स्थलों की सुरक्षा पर एक बार फिर ध्यान केंद्रित हुआ है, और सुरक्षा एजेंसियां ऐसे किसी भी खतरे से निपटने के लिए तत्पर हैं।
