अमेरिका की आर्थिक युद्ध नीति: चीन, कनाडा और मेक्सिको पर टैरिफ का वैश्विक प्रभाव

Jitendra Kumar Sinha
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में मेक्सिको और कनाडा से आयातित वस्तुओं पर 25% तक का आयात शुल्क (टैरिफ) और चीन से आयातित वस्तुओं पर 10% का आयात शुल्क लगाने की घोषणा की है। यह निर्णय 4 मार्च से प्रभावी हो गया है, जिससे वैश्विक व्यापार में तनाव बढ़ने की संभावना है।


टैरिफ का उद्देश्य और प्रभाव

ट्रंप प्रशासन का दावा है कि ये टैरिफ अवैध मादक पदार्थों की तस्करी और अवैध प्रवास को रोकने के लिए आवश्यक हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि इन टैरिफों से अमेरिकी उपभोक्ताओं को भी नुकसान होगा, क्योंकि इससे उत्पादों की कीमतों में वृद्धि होगी और महंगाई बढ़ेगी।

 

प्रभावित उत्पाद और उद्योग

मेक्सिको और कनाडा से आयातित फल, सब्जियां, पोल्ट्री उत्पाद, कार और इलेक्ट्रॉनिक सामान पर 25% आयात शुल्क लगाया गया है। चीन से आयातित वस्तुओं पर 10% आयात शुल्क लागू किया गया है। इससे अमेरिकी बाजार में इन उत्पादों की कीमतों में वृद्धि होगी, जिससे उपभोक्ताओं को अधिक खर्च करना पड़ेगा।

 

जवाबी कार्रवाइयाँ

कनाडा और चीन ने अमेरिकी टैरिफ के जवाब में अपने-अपने टैरिफ लगाने की घोषणा की है। कनाडा ने अमेरिकी उत्पादों पर 25% तक का टैरिफ लगाने की योजना बनाई है, जबकि चीन ने अमेरिकी कृषि उत्पादों पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा की है।

 

भारत के लिए संभावित अवसर

विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका, चीन, मेक्सिको और कनाडा के बीच बढ़ते व्यापार तनाव से भारत को लाभ हो सकता है। भारतीय निर्यातकों के लिए अमेरिकी बाजार में कृषि, इंजीनियरिंग, मशीन उपकरण, परिधान, कपड़ा, रसायन और चमड़ा जैसे क्षेत्रों में निर्यात बढ़ाने के अवसर उत्पन्न हो सकते हैं।

 

अमेरिका द्वारा मेक्सिको, कनाडा और चीन पर लगाए गए टैरिफ से वैश्विक व्यापार में अस्थिरता बढ़ने की संभावना है। इन टैरिफों का असर न केवल इन देशों की अर्थव्यवस्थाओं पर पड़ेगा, बल्कि वैश्विक महंगाई और आर्थिक विकास पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। भारत के लिए यह एक अवसर हो सकता है, लेकिन इसे सावधानीपूर्वक रणनीतिक कदम उठाने की आवश्यकता होगी।

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