रैपिड प्रोटोटाइपिंग लैब निर्माण के लिए बिहार सरकार और IIT पटना के बीच समझौता ज्ञापन (MoU) पर हुआ हस्ताक्षर

Jitendra Kumar Sinha
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बिहार में नवाचार और स्टार्टअप इकोसिस्टम को और सशक्त बनाने के उद्देश्य से, उद्योग विभाग, बिहार सरकार और Foundation for Innovators in Science and Technology - Technology Business Incubator, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) पटना के बीच रैपिड प्रोटोटाइपिंग लैब की स्थापना हेतु एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए।


यह साझेदारी बिहार में स्टार्टअप और उद्यमियों को अत्याधुनिक तकनीकी संसाधन प्रदान करेगी, जिससे वे अपने उत्पादों के प्रोटोटाइप को तेजी से विकसित और परिष्कृत कर सकें। यह लैब आधुनिक 3D प्रिंटिंग, CNC मशीनिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोटोटाइपिंग और अन्य अत्याधुनिक हार्डवेयर एवं सॉफ्टवेयर सुविधाओं से युक्त होगी, जिससे राज्य के नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को नई गति मिलेगी।


यह परियोजना 2.51 करोड़ रुपये के निवेश से स्थापित की जा रही है, जिसे बिहार स्टार्टअप नीति के तहत उद्योग विभाग द्वारा वित्त पोषित किया जाएगा।


उक्त अवसर पर बिहार सरकार के उद्योग मंत्री नितीश मिश्रा, ने कहा कि "यह पहल बिहार के स्टार्टअप्स और नवाचारकर्ताओं के लिए मील का पत्थर साबित होगी। IIT पटना की तकनीकी विशेषज्ञता और सरकार की प्रोत्साहन योजनाओं का समन्वय प्रदेश में आत्मनिर्भरता और उद्यमशीलता को बढ़ावा देगा। इस सुविधा के माध्यम से हम प्रोडक्ट मैन्युफैक्चरिंग स्टार्टअप को बढ़ावा देंगे जिससे बिहार राज्य में अधिक रोजगार सृजन में मदद मिलेगी।"

IIT पटना के निदेशक प्रोफेसर टी. एन. सिंह  ने कहा, "यह सहयोग बिहार के युवा उद्यमियों को अत्याधुनिक तकनीकों से जोड़ने में सहायक होगा, जिससे वे अपने उत्पादों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बना सकेंगे।"


उद्योग विभाग की सचिव बंदना प्रेयशी ने कहा कि इस समझौते से शिक्षा, शोध एवं उद्योग जगत के बीच एक समन्वय स्थापित होगा। रैपिड प्रोटोटाइपिंग लैब से न केवल बिहार में स्थापित स्टार्टअप बल्कि छात्रों, शोधकर्ताओं और इनोवेटर्स को भी लाभ मिलने की उम्मीद है।


उद्योग निदेशक निखिल डी. निप्पणीकर ने कहा कि इस सुविधा की स्थापना बिहार के औद्योगिक बुनियादी ढांचे को बढ़ाने और स्थानीय उद्यमों के बीच तकनीकी उन्नति को बढ़ावा देने के लिए विभाग की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। 

यह लैब उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसन्धान संस्थान, पटना के परिसर में स्थापित की जाएगी और राज्य के स्टार्टअप, MSME, और नवाचारकर्ताओं के लिए खुली रहेगी। यह सहयोग बिहार में एक मजबूत स्टार्टअप इकोसिस्टम विकसित करने और नए अवसरों के सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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