उत्तर भारत के प्राचीन मंदिरों में पांच चौक का एक मात्र ऐसा मंदिर है, जहां भगवान राम अपने सभी भाइयों और पत्नी जानकी के साथ विराजमान है।
इस मंदिर का निर्माण वर्ष 1885 में सवाई मानसिंह की पत्नी गुलाब कंवर धीरावत ने करवाया था।
मंदिर में विराजमान भगवान राम की प्रतिमा, नक्षत्र के अनुसार बनाई गई है। इसे बनाने में 18 वर्ष 5 महीने 4 दिन का समय लगा था। इस मूर्ति का निर्माण प्रक्रिया महीने में सिर्फ एक दिन ही किया (बनाया) जाता था। इसलिए मूर्ति तैयार करने में 18 साल का समय लगा। मंदिर चूड़ी उतार पद्धति पर बना हुआ है, ताकि दूर से भी आसानी से लोग दर्शन कर सके।
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