देश की सबसे बड़ी खेल प्रतिभा खोज प्रतियोगिता ‘मशाल-2024’ का आयोजन बिहार के स्कूलों में 25 से 27 अप्रैल 2025 तक किया जाएगा। इस प्रतियोगिता को सफल बनाने के लिए शुक्रवार को पाटलिपुत्र खेल परिसर में एक उच्चस्तरीय बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें खेल और शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी एवं सभी जिलों के डीईओ (जिला शिक्षा पदाधिकारी) तथा डीपीओ (जिला कार्यक्रम पदाधिकारी) वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए।
खेल प्रतिभाओं को मिलेगा मंच
इस बैठक में यह निर्णय लिया गया कि प्रदेश के सभी स्कूलों को प्रतियोगिता में अनिवार्य रूप से भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी। प्रतियोगिता के चलते छात्रों की त्रैमासिक परीक्षा 27 अप्रैल के बाद आयोजित की जाएगी, जिससे विद्यार्थियों को परीक्षा और खेल प्रतियोगिता दोनों के लिए पर्याप्त समय मिल सके।
बैठक की अध्यक्षता खेल विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. बी. राजेंद्र ने की। इस दौरान शिक्षा विभाग के सचिव अजय यादव, बीएसएसए के महानिदेशक रवीन्द्रण शंकरण, खेल निदेशक महेन्द्र कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
सीआरसी स्तर पर 19 मई से प्रतियोगिता
खिलाड़ियों के स्कूल बदलने की सुविधा
मशाल पोर्टल को 20 अप्रैल सुबह 11 बजे से सक्रिय कर दिया जाएगा, ताकि सभी संबंधित अधिकारी और खिलाड़ी आवश्यक सूचनाएं भर सकें।
15 लाख से अधिक खिलाड़ियों का पंजीकरण
अब तक मशाल प्रतियोगिता पोर्टल पर 15 लाख 62 हजार 405 खिलाड़ियों का पंजीकरण हो चुका है, जिनमें से 3 लाख 94 हजार 257 खिलाड़ियों का बैटरी टेस्ट डेटा पोर्टल पर अपलोड हो चुका है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि प्रदेश में युवा खेल प्रतिभाओं को निखारने के लिए इस कार्यक्रम को लेकर गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं।
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की तैयारी
‘मशाल-2024’ प्रतियोगिता का उद्देश्य केवल खेल आयोजन तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका मुख्य लक्ष्य है—राज्य की युवा खेल प्रतिभाओं को पहचानना, उन्हें प्रशिक्षित करना और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना।
खेल विभाग और शिक्षा विभाग के इस समन्वित प्रयास से उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में बिहार के खिलाड़ी देश और दुनिया में राज्य का नाम रौशन करेंगे।