"जब मैं उठा तो चारों ओर लाशें थीं" – जीवित बचे इकलौते यात्री की आपबीती

Jitendra Kumar Sinha
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अहमदाबाद एयरपोर्ट से लंदन के लिए रवाना हुई एयर इंडिया की फ्लाइट AI‑171 उड़ान भरने के चंद सेकंड बाद ही भयानक दुर्घटना का शिकार हो गई। बोइंग 787 ड्रीमलाइनर जैसे आधुनिक विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर ने पूरे देश को झकझोर दिया। इस त्रासदी में 230 से अधिक यात्रियों की जान चली गई, लेकिन इस भीषण हादसे से एक व्यक्ति चमत्कारिक रूप से जीवित बच निकला—उनका नाम है विश्वास कुमार रमेश।


विश्वास कुमार ब्रिटेन में रहते हैं और भारत में अपने परिवार से मिलकर लंदन लौट रहे थे। टेकऑफ के करीब 30 सेकंड बाद जोरदार आवाज के साथ विमान नीचे गिर पड़ा और अहमदाबाद के मेघानी नगर में एक इमारत से टकरा गया। हादसे के बाद जब विश्वास होश में आए, तो उनके चारों ओर लाशें बिखरी थीं, और मलबा ही मलबा था। उन्होंने कहा, “जब मैं उठा तो मेरे चारों ओर सिर्फ लाशें थीं। मैं डर गया, खड़ा हुआ और किसी तरह वहां से भागा।”


विश्वास को चोटें आईं—सीने, आंखों और पैरों में गंभीर घाव—but उन्होंने हार नहीं मानी। खून से लथपथ हालत में वह खुद पैदल अस्पताल पहुंचे, जहां उनका इलाज चल रहा है। वह अकेले व्यक्ति हैं जो इस भयावह दुर्घटना में जीवित बचे हैं। उनकी सीट 11A थी और किस्मत से उनका सेक्शन बाकी हिस्सों के मुकाबले कम क्षतिग्रस्त हुआ।


इस दुर्घटना ने भारत ही नहीं, पूरे विश्व को झकझोर दिया है। विमान में 169 भारतीय नागरिकों के अलावा ब्रिटिश, पुर्तगाली, और कनाडाई यात्री भी सवार थे। हादसे में कई स्थानीय लोग भी घायल हुए हैं क्योंकि विमान एक रिहायशी इलाके पर आकर गिरा। कई छात्र हॉस्टल में सो रहे थे, जिनमें से कुछ की भी जान चली गई।


सरकार और एयर इंडिया ने मृतकों के परिवारों को 1 करोड़ रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है। घायलों का मुफ्त इलाज किया जा रहा है और मेघानी नगर के हॉस्टल के पुनर्निर्माण की बात भी कही गई है। दुर्घटना के कारणों की जांच DGCA और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों द्वारा की जा रही है।


विश्वास की कहानी उन सैकड़ों दर्दनाक कहानियों में से एक है, जो इस त्रासदी से जुड़ी हैं। लेकिन उनकी जीवित वापसी इस दुख की घड़ी में एक उम्मीद की किरण है। यह घटना हमें एक बार फिर याद दिलाती है कि ज़िंदगी कितनी नाजुक है और किस्मत कब किस ओर मोड़ ले ले, कोई नहीं जानता।

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