बिहार को जल्द मिलेगा नया होमियोपैथी कॉलेज और अस्पताल

Jitendra Kumar Sinha
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विश्व होमियोपैथी दिवस के मौके पर राजधानी पटना में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने राज्य के लोगों को एक बड़ी सौगात देने की घोषणा की। मंत्री ने बताया कि दक्षिण बिहार में जल्द ही एक नया होमियोपैथी कॉलेज सह अस्पताल की स्थापना की जाएगी, जो इसी वित्तीय वर्ष में कार्यरत हो जाएगा। 64 वर्षों बाद यह राज्य का दूसरा सरकारी होमियोपैथी अस्पताल होगा, जिससे आयुष चिकित्सा क्षेत्र को नया आयाम मिलेगा।


स्वास्थ्य मंत्री ने शास्त्रीनगर स्थित ऊर्जा ऑडिटोरियम में आयोजित डॉ. सैमुअल हैनिमैन जयंती समारोह एवं वैज्ञानिक सेमिनार को संबोधित करते हुए कहा कि होमियोपैथी की लोकप्रियता दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। उन्होंने बताया कि राज्य में आयुष्मान भारत योजना के तहत 86 नए आरोग्य मंदिर भी बनाए जा रहे हैं।


मुजफ्फरपुर में बन रहा 200 बेड का आधुनिक अस्पताल

मंत्री ने जानकारी दी कि मुजफ्फरपुर में 121 करोड़ की लागत से 200 बेड का एक अत्याधुनिक होमियोपैथी अस्पताल बनकर लगभग तैयार है। इसका उद्घाटन शीघ्र किया जाएगा। वर्तमान में यह राज्य का एकमात्र सरकारी होमियोपैथी अस्पताल है, और इसके शुरू होते ही राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को बड़ा बल मिलेगा।


उन्होंने यह भी कहा कि जिस प्रकार डॉ. सैमुअल हैनिमैन की जयंती मनाई जाती है, उसी तरह भारत में होमियोपैथी के जनक माने जाने वाले बाबू राजेन्द्र लाल दत्ता और बिहार में इस चिकित्सा पद्धति की नींव रखने वाले बी. भट्टाचार्य की जयंती भी मनाई जानी चाहिए।


होमियोपैथी: किफायती, प्रभावी और विश्वसनीय

मंत्री मंगल पांडेय ने होमियोपैथी को एलोपैथी के बाद सबसे अधिक स्वीकार्य चिकित्सा पद्धति बताते हुए कहा कि यह न केवल किफायती है, बल्कि प्रभावी भी है। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोग इस पद्धति में सहज विश्वास रखते हैं। उन्होंने बताया कि पटना के कदमकुआं स्थित 10 बेड के सरकारी होमियोपैथी अस्पताल में प्रतिदिन लगभग 200 मरीज इलाज के लिए आते हैं।


जनवरी 2025 में हुई चिकित्सकों की नियुक्ति का जिक्र करते हुए मंत्री ने कहा कि इस वर्ष राज्य में 2901 आयुष चिकित्सकों की नियुक्ति हुई है, जिनमें से 951 चिकित्सक होमियोपैथी से हैं।


कोविड-19 के दौरान भी होमियोपैथी ने निभाई अहम भूमिका

कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने कोविड-19 के दौरान आयुष चिकित्सा पद्धति, विशेषकर होमियोपैथी की भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि महामारी के कठिन समय में लोगों को होमियोपैथी दवाओं से राहत मिली। उन्होंने वादा किया कि सरकार आयुष चिकित्सा क्षेत्र को अन्य चिकित्सा पद्धतियों के समान प्राथमिकता देगी।


कार्यक्रम में आयुष क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 12 होमियोपैथी चिकित्सकों को सम्मानित किया गया। साथ ही होमियोपैथी से जुड़ी नवीनतम शोध और चिकित्सकीय लाभों की जानकारी भी साझा की गई।


कई वरिष्ठ अधिकारी रहे मौजूद

इस अवसर पर स्वास्थ्य सचिव मनोज कुमार सिंह, राज्य आयुष समिति के कार्यपालक निदेशक डॉ. आदित्य प्रकाश, ओएसडी गुंजन सिंह, आयुष्मान भारत के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी शशांक शेखर सिन्हा समेत कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम ने बिहार में आयुष और होमियोपैथी चिकित्सा को नई दिशा देने की संभावना को सशक्त किया।

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