ऑल इंडिया मुस्लिम वीमेन पर्सनल लॉ बोर्ड की अध्यक्ष शाइस्ता अंबर ने हाल ही में वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 का समर्थन किया है, जिसे संसद के दोनों सदनों से मंजूरी मिल चुकी है। उन्होंने इसे मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा और उनके सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
शाइस्ता अंबर ने कहा कि वक्फ संपत्तियाँ दान की गई ज़मीन होती हैं, जिन्हें न तो खरीदा जा सकता है और न ही बेचा। इन ज़मीनों का उपयोग गरीब मुसलमानों की भलाई के लिए किया जाना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व में वक्फ बोर्ड ने अपनी जिम्मेदारियों का ईमानदारी से पालन नहीं किया, जिससे वक्फ संपत्तियों का उद्देश्यपूर्ण उपयोग नहीं हो पाया। अब, इस विधेयक के माध्यम से सरकार से उम्मीद है कि वक्फ ज़मीनों का उपयोग पारदर्शिता के साथ गरीबों के हित में होगा।
इसके अलावा, शाइस्ता अंबर ने सरकार से अपील की कि वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जों को हटाया जाए, मामले की जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि अब तक किसी भी सरकार ने मुसलमानों, विशेषकर महिलाओं के लिए सच्चे दिल से काम नहीं किया; केवल वोट बैंक की राजनीति की गई। इसलिए, वर्तमान सरकार से उम्मीद है कि वह मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करेगी और वक्फ बोर्ड की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाएगी।
इस प्रकार, शाइस्ता अंबर और ऑल इंडिया मुस्लिम वीमेन पर्सनल लॉ बोर्ड ने वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन करते हुए इसे मुस्लिम समाज, विशेषकर महिलाओं के लिए एक सकारात्मक और आवश्यक कदम बताया है।
