करीब एक ट्रिलियन सूक्ष्मजीव प्रजातियां में से, ज्यादातर बैक्टीरिया है

Jitendra Kumar Sinha
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अब तक वैज्ञानिक यह तय नहीं कर पा रहे थे कि बैक्टीरिया कब और कैसे विकसित हुए, क्योंकि यह न तो हड्डियों वाले है और न ही भूवैज्ञानिक रिकॉर्ड में इनके निशान साफ मिलते हैं। लेकिन अब मशीन लर्निंग से शोधकर्ताओं ने बैक्टीरिया विकास की टाइमलाइन का खाका खींचा है। कुछ बैक्टीरिया ने तो ऑक्सीजन का इस्तेमाल करने की क्षमता लगभग 900 करोड़ साल पहले ही विकसित कर ली थी, जबकि उस समय धरती पर ऑक्सीजन 'दुर्लभ' थी। वैज्ञानिक का माने तो करीब एक ट्रिलियन सूक्ष्मजीव प्रजातियां मौजूद है, जिनमें से ज्यादातर बैक्टीरिया है।

वैज्ञानिक शोधकर्ताओं ने एक एआइ मॉडल तैयार किया है, जो जीनोम से यह पता लगा सकता है कि किस बैक्टीरिया के पूर्वजों में ऑक्सीजन उपयोग की क्षमता थी। तकनीक इतने भरोसेमंद नतीजे लाई कि इसे 'जीवाश्मों की तरह' डेटिंग पॉइंट के रूप में इस्तेमाल किया गया।


2.4 अरब साल पहले,  पृथ्वी के वायुमंडल में अचानक ऑक्सीजन की भरमार हुई, इसे ग्रेट ऑक्सिडेशन इवेंट कहा जाता है। इस बदलाव की वजह सायनोबैक्टीरिया थे, जिन्होंने सूर्य की रोशनी से ऊर्जा लेते हुए ऑक्सीजन छोड़नी शुरू कर दी। तब अधिकांश बैक्टीरिया के लिए ऑक्सीजन जहर थी, इसलिए कई नष्ट हो गए। लेकिन साइंस जर्नल में प्रकाशित नई रिसर्च का कहना है कि कुछ बैक्टीरिया इससे पहले से ही ऑक्सीजन के साथ जीने के आदि हो चुके।

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