महानदी और जोक नदी के संगम पर स्थित बिलासपुर से 80 किलोमीटर तथा रायपुर से 135 किलोमीटर एवं बलौदाबाजार से 40 किलोमीटर दूर स्थित भारत का सबसे ऊंचा जैतखंभ है। यह जैतखंभ भारत का सबसे ऊंचा है, इसकी ऊँचाई कुतुब मीनार से भी ऊंचा है। जैतखंभ की ऊंचाई 243 फिट है।
छत्तीसगढ़ के सबसे प्रतिष्ठित तीर्थ स्थलों में से एक है गिरौधापुरी धाम। गिरौधपुरी धाम सतनामी पंत के संस्थापक गुरु घासीदास की जन्मस्थल है।
आधुनिक आर्किटेक्चर का बेजोड़ नमूना है जैतखंभ। सूत्रों के अनुसार, जैतखंभ देखने वाले आगंतुक को सर्पिलि सीढ़ियां चढ़कर 60 मीटर तक टावर में ऊपर तक जाने की अनुमति हैं। यहां एक सम्मेलन कक्ष स्थापित है, जिसमें 2000 लोग उपस्थित रह सकते है।
गुरु घासीदास की जयंती के अवसर पर प्रत्येक वर्ष दिन मेला लगता है जिसे “गुरु दर्शन मेला” के नाम से जाना जाता है। यहां से कुछ मीटर की दूरी पर, एक “अमृत कुंड” नाम का एक तालाब है, इस तालाब का पानी मीठा है।
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