केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में 2 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की घोषणा की है, जो 8 अप्रैल से प्रभावी होगी। तेल मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने स्पष्ट किया कि इस वृद्धि का बोझ उपभोक्ताओं पर नहीं डाला जाएगा; इसे तेल विपणन कंपनियां वहन करेंगी।
यह निर्णय वैश्विक तेल कीमतों में हाल ही में आई गिरावट के मद्देनजर लिया गया है। सरकार का उद्देश्य इस कदम से राजस्व संग्रह में वृद्धि करना है, जबकि उपभोक्ताओं को मूल्य वृद्धि से बचाना है।
इसके अतिरिक्त, सरकार ने पेट्रोल और डीजल के निर्यात पर भी 2 रुपये प्रति लीटर का कर बढ़ाया है, जिससे निर्यातकों को अतिरिक्त कर का सामना करना पड़ेगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि इन करों में वृद्धि से सरकारी खजाने को मजबूती मिलेगी, लेकिन यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि तेल कंपनियां इस अतिरिक्त कर का प्रबंधन कैसे करती हैं और क्या वे इसे उपभोक्ताओं तक पहुंचाती हैं या नहीं।

