राज्य में कानून-व्यवस्था को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव द्वारा किए गए सोशल मीडिया पोस्ट पर पुलिस मुख्यालय ने कड़ा संज्ञान लिया है। यादव द्वारा एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर साझा की गई 76 आपराधिक घटनाओं में से 46 मामलों की पहचान कर पुलिस मुख्यालय ने कार्रवाई की स्थिति सार्वजनिक की है।
मुख्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इन 46 घटनाओं में अब तक 112 दोषियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। साथ ही, जनवरी से 7 अप्रैल 2025 के बीच हत्या के मामलों में 1,632, पुलिस पर हमले के मामलों में 947, और लूट के मामलों में 697 आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है।
"बिना तथ्य के आरोपों से पुलिस का मनोबल प्रभावित होता है"
पुलिस मुख्यालय ने नेता प्रतिपक्ष के पोस्ट को "गैर-जिम्मेदाराना" करार देते हुए कहा कि इस तरह की टिप्पणियां पुलिस के मनोबल पर प्रतिकूल असर डालती हैं। बयान में स्पष्ट किया गया है कि बिहार पुलिस प्रत्येक घटना को गंभीरता से लेती है और दोषियों को पकड़ने के लिए तत्परता से कार्रवाई करती है।
मुख्यालय ने यह भी स्पष्ट किया कि तेजस्वी यादव के पोस्ट में कई घटनाओं का न तो दिनांक और न ही थाना क्षेत्र उल्लेखित था, जिससे उनकी पुष्टि करना मुश्किल हुआ। फिर भी चिन्हित 46 मामलों में अद्यतन कार्रवाई की जानकारी सार्वजनिक की गई है।
अधिकांश घटनाएं व्यक्तिगत विवादों से जुड़ी
पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, जिन घटनाओं का उल्लेख नेता प्रतिपक्ष ने किया है, उनमें अधिकांश व्यक्तिगत दुश्मनी, जमीन विवाद, लेन-देन, प्रेम प्रसंग और पारिवारिक विवादों से जुड़ी थीं। उदाहरण के तौर पर:
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2021 में 2799 घटनाओं में से 1952 (69.73%)
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2022 में 2930 में से 2087 (71.20%)
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2023 में 2862 में से 2109 घटनाएं (73.69%)
इन्हीं कारणों से हुई थीं।
राष्ट्रीय स्तर पर कहां खड़ा है बिहार?
राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के अनुसार:
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बिहार में संज्ञेय अपराध की दर (2022): 277.1 प्रति लाख जनसंख्या
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राष्ट्रीय औसत: 422.2 प्रति लाख जनसंख्या
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बिहार की रैंकिंग: देश में 19वां स्थान
वहीं, भारतीय दंड विधान (IPC) के अंतर्गत दर्ज अपराधों की दर के मामले में:
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बिहार: 168.1 प्रति लाख जनसंख्या
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राष्ट्रीय औसत: 258.1
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बिहार की रैंकिंग: 21वां स्थान
अन्य राज्यों की तुलना में बिहार की स्थिति बेहतर
कुछ प्रमुख राज्यों की तुलना में बिहार की अपराध दर उल्लेखनीय रूप से कम है:
| राज्य | अपराध दर (प्रति लाख जनसंख्या) |
|---|---|
| केरल | 1274.8 |
| हरियाणा | 810.4 |
| गुजरात | 738.9 |
| तमिलनाडु | 617.2 |
| मध्यप्रदेश | 569.3 |
| महाराष्ट्र | 443.0 |
| राजस्थान | 388.8 |
| बिहार | 277.1 |
| उत्तर प्रदेश | 322.0 |
पुलिस मुख्यालय ने स्पष्ट किया है कि अपराध की रोकथाम एवं दोषियों की गिरफ्तारी में कोई कोताही नहीं बरती जा रही है। आंकड़े इस बात के गवाह हैं कि बिहार, देश के अन्य प्रमुख राज्यों की तुलना में बेहतर स्थिति में है।
पुलिस की अपील: “जनता में गलत धारणा न फैलाई जाए। पुलिस अपना कार्य पूरी ईमानदारी और तत्परता से कर रही है। आरोपों के बजाय सुझाव आएं, तो व्यवस्था और बेहतर की जा सकती है।”
