राजस्थान के अजमेर जिला में राज्य के एकमात्र महिला इंजीनियरिंग कॉलेज में हैकिंग और साइबर क्राइम से निबटने के गुर भी सिखाये जायेंगे। साथ ही, 12 वर्ष बाद एमबीए कोर्स भी शुरू होगा। सूत्रों का माने तो इस कोर्स में वायरस युक्त ई-मेल, डिजिटल फ्रॉड सुरक्षा की पढ़ाई होगी। कॉलेज में कम्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग ब्राच में साइबर सिक्योरिटी कोर्स में शामिल होंगे। साथ ही 12 साल बाद एमबीए कोर्स भी शुरू होगा। दोनों में 30-30 सीट पर नामांकन होगा।
महिला इंजीनियरिंग कॉलेज में, आर्टिफिशियल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेश इंजीनियरिंग, आईटी हियूमनिटी एंड साइंसेज, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, एमसीए और अन्य कोर्स संचालित हैं। दोनों कोर्स के लिए राज्य सरकार और बीकानेर टेक्निकल यूनिवर्सिटी से एनओसी ली है और कोर्स की मंजूरी के लिए एआईसीटीई में प्रक्रिया जारी है। साइबर सिक्योरिटी और एमबीए कोर्स शुरू होंगे। इस कोर्स के लिए आवश्यक प्रक्रिया पूरी होने के बाद छात्रों को मिलेगा प्रवेश।
एमबीए कोर्स में छात्राओं के रुझान कम होने से बंद हो गया था कोर्स। अब कॉलेज में सत्र 2025-26 से एमबीए कोर्स शुरू होगा। साल 2012-13 तक यहां आरमेंट और सीमेट के जरिए छात्राओं के प्रवेश होते थे। मैनेजमेंट क्षेत्र में रुझान कम होने से धीरे-धीरे कोर्स बंद हो गया था जिसे फिर शुरू किया गया है।
साइबर सिक्योरिटी कोर्स में नेटवर्क सिक्योरिटी के लिए हैकिंग, वायरस युक्त ई-मेल नेटवर्क हैकिंग, एप्लीकेशन सिक्योरिटी के लिए सॉफ्टवेयर और एप्लीकेशन की सुरक्षा, क्लाउड सिक्योरिटी के लिए क्लाउड आधारित संसाधन और डाटा, एंड पॉइंट सिक्योरिटी के लिए कंप्यूटर, मोबाइल, लैपटॉप और अन्य की सुरक्षा,
साइबर फॉरेंसिक के लिए साइबर क्राइम, डिजिटल फ्रॉड सुरक्षा, शामिल है।
