भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला मई 2025 में अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा करने वाले हैं, जिससे वे अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय बन जाएंगे। यह मिशन, जिसे Axiom Mission 4 (Ax-4) कहा जाता है, नासा और Axiom Space के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।
मिशन का विवरण
Ax-4 मिशन में चार अंतरिक्ष यात्री शामिल होंगे:
कमांडर: पेगी व्हिटसन, पूर्व नासा अंतरिक्ष यात्री और Axiom Space की मानव अंतरिक्ष उड़ान निदेशक।
पायलट: शुभांशु शुक्ला, भारतीय वायु सेना के अधिकारी और इसरो के अंतरिक्ष यात्री।
मिशन विशेषज्ञ: स्लावोश उज़्नान्स्की-विस्निव्स्की (पोलैंड) और तिबोर कापू (हंगरी)।
यह मिशन फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाएगा और लगभग 14 से 21 दिनों तक चलेगा।
वैज्ञानिक अनुसंधान और प्रयोग
Ax-4 मिशन के दौरान लगभग 60 वैज्ञानिक अध्ययन और गतिविधियाँ की जाएंगी, जिनमें से सात भारत द्वारा संचालित होंगे। इन प्रयोगों का मुख्य उद्देश्य माइक्रोग्रैविटी में जैविक प्रक्रियाओं को समझना और दीर्घकालिक अंतरिक्ष मिशनों के लिए रणनीतियाँ विकसित करना है।
शुभांशु शुक्ला का करियर
शुभांशु शुक्ला को 2019 में इसरो के अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए चुना गया था। उन्होंने मास्को के यूरी गगारिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में प्रशिक्षण प्राप्त किया और फरवरी 2024 में भारत के गगनयान मिशन के लिए प्रमुख अंतरिक्ष यात्री के रूप में नामित किए गए।
भारत के लिए महत्व
शुक्ला की यह उड़ान भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, क्योंकि यह देश की बढ़ती अंतरिक्ष क्षमताओं और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को दर्शाता है। उनकी यात्रा से भारत के भविष्य के मानव अंतरिक्ष मिशनों, जैसे गगनयान, को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की आगामी अंतरिक्ष यात्रा न केवल उनके व्यक्तिगत करियर में बल्कि भारत के अंतरिक्ष इतिहास में भी एक महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ती है। यह मिशन वैज्ञानिक अनुसंधान में योगदान देगा और भारत की अंतरिक्ष क्षेत्र में बढ़ती उपस्थिति को मजबूत करेगा।

