पेरू के पर्वतों में बसा पाम्पाचिरी गांव एक अनोखा उदाहरण है कि कैसे मनुष्य प्रकृति के साथ सामंजस्य स्थापित कर सकता है।
यहां की विशिष्ट कोणाकार की झोपड़ियां ज्वालामुखीय चट्टानों को काटकर बनाई गई हैं। ये संरचनाएं न केवल देखने में अद्भुत हैं, बल्कि कार्यात्मक रूप से भी बेहद प्रभावी हैं। खासकर ठंडी रातों में प्राकृतिक इन्सुलेशन प्रदान करने की उनकी क्षमता उन्हें आदर्श बनाती है।
पाम्पाचिरी की यह पारंपरिक वास्तुकला स्थानीय लोगों की रचनात्मकता और पर्यावरण के अनुकूल जीवनशैली को दर्शाती है।
बिना किसी आधुनिक तकनीक के, यहां के निवासी सदियों से इन चट्टानों का उपयोग आवास, भंडारण और सामाजिक जीवन के केंद्र के रूप में करते आ रहे हैं।
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