केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को विज्ञान भवन में आयोजित सीमा सुरक्षा बल (BSF) के 22वें इन्वेस्टिचर समारोह और रुस्तमजी मेमोरियल व्याख्यान में 'ऑपरेशन सिंदूर' को भारत की आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करार दिया। उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन ने पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर बेनकाब कर दिया है, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि भारत में होने वाले आतंकवादी हमलों के पीछे पाकिस्तान का हाथ है।
'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता
अमित शाह ने बताया कि 7 मई को हुए 'ऑपरेशन सिंदूर' में भारतीय सशस्त्र बलों ने आतंकवादियों के नौ ठिकानों को नष्ट किया, जिनमें दो मुख्यालय भी शामिल थे। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस ऑपरेशन में केवल आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया गया, न कि पाकिस्तानी सेना या नागरिकों को, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि भारत की कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ थी, न कि किसी देश के खिलाफ।
पाकिस्तान की भूमिका पर सवाल
गृह मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान ने इस ऑपरेशन के बाद जिस तरह की प्रतिक्रिया दी, उससे यह साबित हो गया कि वहां की सेना आतंकवादियों के साथ मिली हुई है। उन्होंने बताया कि मारे गए आतंकवादी नेताओं के अंतिम संस्कार में पाकिस्तानी सेना के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे, जो इस बात का प्रमाण है कि पाकिस्तान आतंकवाद का प्रायोजक है।
BSF की भूमिका की सराहना
अमित शाह ने BSF की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि इस बल ने भारत की पश्चिमी और पूर्वी सीमाओं की सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने 1965 से 2025 तक ड्यूटी के दौरान शहीद हुए 2,000 से अधिक BSF जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि उनका बलिदान देश कभी नहीं भूलेगा।
2014 के बाद की सुरक्षा नीति में बदलाव
गृह मंत्री ने कहा कि 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत की सुरक्षा नीति में बड़ा बदलाव आया है। उन्होंने उरी, पुलवामा और पहलगाम जैसे हमलों के बाद भारत की सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक का उल्लेख करते हुए कहा कि अब भारत आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक और सटीक कार्रवाई करता है।
इस कार्यक्रम में BSF के महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी और दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा भी उपस्थित थे। कार्यक्रम के दौरान BSF के जवानों को उनकी वीरता और उत्कृष्ट सेवा के लिए सम्मानित भी किया गया।
