केक कुकीज और आइसक्रीम जैसे अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड्स (कई चरणों से गुजरकर तैयार भोजन) से असामयिक मौत का खतरा बढ़ सकता है। दुनिया के आठ देशों में 2.40 लाख लोगों पर किए गए शोध की रिपोर्ट में यह चेतावनी दी गई है।
सूत्रों के अनुसार, शोध में अमरीका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, कोलंबिया, चिली, मेक्सिको और ब्राजील के अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड्स के डेटा का विश्लेषण किया गया।
अमेरिकन जर्नल ऑफ प्रिवेंटिव मेडिसिन में छपी ब्राजील यूनिवर्सिटी के बेज्ञानिकों की शोध रिपोर्ट में बताया गया है कि कम इस्तेमाल करने के लिए, आहार संबंधी सिफारिशें जारी करने पर जोर गया है। जहां अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड्स का चलन कम है, वहां असामयिक मौतों का आंकड़ा 4% था, लेकिन ज्यादा खपत वाले ब्रिटेन और अमरीका जैसे देशों में यह आंकड़ा 14% है। ब्रिटेन में एक वयस्क व्यक्ति ऊर्जा की 53% जरूरत अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड से पूरी करता है। ऐसे में सरकारों को अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड्स के कम इस्तेमाल के लिए सिफारिशें जारी करनी चाहिए।
शोध के अनुसार अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड्स के सेवन का अर्थ है कि लोग फल और सब्जियां जैसी एंटी ऑक्सीडेंट्स चीजें नहीं ले रहे हैं। अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड प्री-डाइजेस्टेड होते हैं। चूंकि यह कितनी औद्योगिक प्रक्रियाओं से गुजरा है। ऐसे फूड्स क्सा वीनी और नमक से भरे होते हैं। अमूमन इनमें कई ऐसी चीजें होती हैं. जिनके नाम का लोग उच्चारण तक नहीं कर पाते।
शोधकर्ताओं का कहना है कि जो लोग ज्यादा प्रोसेस्ड फूड्स खाते हैं, वे धूम्रपान की लत के चंगुल में भी फंस जाते हैं। कोई भोजन अल्ट्रा प्रोसेस्ड है या नहीं, यह इससे तय होता है कि वह पैकेजिंग बनाए जाते हैं। इन्हें खाने के बाद जल्द दोबारा भूख लगती हैं। लोग इन्हें बार-बार खाते हैं। इससे पाचन क्रिया पर प्रतिकूल असर पड़ने के साथ ही मोटापा बढ़ने का खतरा रहता है।
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