तेज प्रताप यादव को पार्टी और परिवार से निष्कासित

Jitendra Kumar Sinha
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25 मई 2025 को बिहार की राजनीति में एक बड़ा भूचाल आया, जब राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया। इतना ही नहीं, उन्होंने तेज प्रताप को परिवार से भी बाहर कर दिया। इस कठोर निर्णय के पीछे तेज प्रताप का "गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार" और "नैतिक मूल्यों की अवहेलना" को कारण बताया गया है।


विवाद की जड़: सोशल मीडिया पर प्रेम स्वीकारोक्ति

तेज प्रताप यादव ने 24 मई को अपने फेसबुक अकाउंट पर एक पोस्ट साझा की, जिसमें उन्होंने अनुष्का यादव नामक महिला के साथ 12 साल के प्रेम संबंध की बात कही। इस पोस्ट में उन्होंने लिखा, "मैं तेज प्रताप यादव हूं, और मेरे साथ फोटो में दिख रही लड़की अनुष्का यादव है। हम पिछले 12 वर्षों से एक-दूसरे को जानते हैं और प्यार करते हैं।" हालांकि, कुछ ही घंटों बाद यह पोस्ट हटा दी गई, और तेज प्रताप ने दावा किया कि उनका अकाउंट हैक हो गया था। लेकिन तब तक यह मामला मीडिया और राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन चुका था।


लालू यादव का कड़ा रुख

लालू यादव ने इस घटना के बाद एक बयान जारी करते हुए कहा, "निजी जीवन में नैतिक मूल्यों की अवहेलना करना हमारे सामाजिक न्याय के लिए सामूहिक संघर्ष को कमजोर करता है। मेरे ज्येष्ठ पुत्र की गतिविधि, लोक आचरण तथा गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार हमारे पारिवारिक मूल्यों और संस्कारों के अनुरूप नहीं है। अतएव, मैं उसे पार्टी और परिवार से निष्कासित करता हूं।"


तेजस्वी यादव का समर्थन

तेज प्रताप के छोटे भाई और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी इस निर्णय का समर्थन किया। उन्होंने कहा, "हम ऐसी चीजों को बर्दाश्त नहीं कर सकते। हम बिहार की जनता के लिए काम कर रहे हैं, और इस तरह का व्यवहार हमारी पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाता है।"


राजनीतिक और पारिवारिक प्रभाव

तेज प्रताप यादव का राजनीतिक करियर पहले भी विवादों से घिरा रहा है। उनकी शादी और तलाक की प्रक्रिया, और अब यह नया विवाद, उनके सार्वजनिक जीवन को प्रभावित कर रहे हैं। लालू यादव के इस निर्णय से RJD की आंतरिक राजनीति और आगामी बिहार विधानसभा चुनावों पर भी प्रभाव पड़ सकता है।


यह घटना न केवल एक राजनीतिक परिवार के भीतर के तनाव को उजागर करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि सार्वजनिक जीवन में नैतिकता और अनुशासन कितना महत्वपूर्ण है। अब देखना यह है कि तेज प्रताप यादव इस स्थिति से कैसे उबरते हैं और आगे क्या कदम उठाते हैं।

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