बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस ने मौजूदा राजनीतिक गतिरोध के चलते इस्तीफा देने पर विचार कर रहे हैं। बीबीसी बांग्ला की रिपोर्ट के अनुसार, यूनुस ने छात्र-नेतृत्व वाली नेशनल सिटीजन पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख नाहिद इस्लाम से मुलाकात में अपनी चिंता व्यक्त की कि राजनीतिक दलों के बीच सहमति की कमी के कारण वह प्रभावी ढंग से कार्य नहीं कर पा रहे हैं ।
नाहिद इस्लाम ने बताया, "हम सुबह से ही यूनुस सर के इस्तीफे की खबरें सुन रहे थे, इसलिए हम उनसे मिलने गए। उन्होंने कहा कि वह इस पर विचार कर रहे हैं। उन्हें लगता है कि वर्तमान स्थिति में वह काम नहीं कर सकते।"
यूनुस ने अपनी कैबिनेट को भी सूचित किया है कि यदि राजनीतिक दल उन्हें पूर्ण समर्थन नहीं देते हैं, तो वह पद छोड़ने का निर्णय ले सकते हैं ।
यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के हजारों समर्थकों ने ढाका में अंतरिम सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया है। इसके अलावा, सेना प्रमुख जनरल वाकर-उज़-ज़मान ने दिसंबर तक चुनाव कराने का आह्वान किया है, जिससे यूनुस पर दबाव और बढ़ गया है ।
पिछले वर्ष अगस्त में, छात्र-नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शनों के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे और देश छोड़ने के बाद, प्रोफेसर यूनुस को अंतरिम सरकार का प्रमुख नियुक्त किया गया था। उनकी सरकार ने चुनावी सुधारों की पहल की है, लेकिन राजनीतिक दलों के बीच सहमति की कमी के कारण ये प्रयास ठप हो गए हैं ।
यूनुस के इस्तीफे की संभावनाएं बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिरता के लिए एक गंभीर चुनौती बन सकती हैं, खासकर ऐसे समय में जब देश पहले से ही राजनीतिक अस्थिरता और विरोध प्रदर्शनों का सामना कर रहा है।
यदि यूनुस इस्तीफा देते हैं, तो यह अंतरिम सरकार की वैधता और आगामी चुनावों की प्रक्रिया पर प्रश्नचिह्न लगा सकता है, जिससे देश में और अधिक अस्थिरता उत्पन्न हो सकती है।
देश की जनता और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय अब इस बात पर नजर रखे हुए हैं कि बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति कैसे विकसित होती है और क्या राजनीतिक दल एक साझा समाधान पर पहुंच सकते हैं।
