पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को फील्ड मार्शल बनाए जाने पर तीखा व्यंग्य किया है। जेल में बंद इमरान खान ने सोशल मीडिया पर टिप्पणी करते हुए कहा कि जनरल मुनीर को 'फील्ड मार्शल' के बजाय 'राजा' की उपाधि लेनी चाहिए थी, क्योंकि देश में इस समय 'जंगल का कानून' चल रहा है।
इमरान खान ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, "माशाअल्लाह, जनरल असीम मुनीर को फील्ड मार्शल बना दिया गया है। हालांकि, वास्तव में उन्हें 'राजा' की उपाधि लेनी चाहिए थी, क्योंकि इस समय देश में जंगल का कानून चल रहा है, और जंगल में केवल एक ही राजा होता है।"
जनरल असीम मुनीर को हाल ही में भारत के साथ हुए संघर्ष में उनकी भूमिका के लिए फील्ड मार्शल की उपाधि दी गई है। यह पाकिस्तान के इतिहास में दूसरी बार है जब किसी अधिकारी को यह सम्मान मिला है; इससे पहले 1959 में अयूब खान को यह उपाधि दी गई थी।
इमरान खान ने यह भी स्पष्ट किया कि उनके और सेना के बीच किसी प्रकार की कोई डील नहीं हुई है और न ही कोई बातचीत चल रही है। उन्होंने कहा, "कोई डील नहीं हुई है, न ही कोई संवाद चल रहा है। ये सब बेबुनियाद झूठ हैं।"
जनरल असीम मुनीर की पदोन्नति के बाद से पाकिस्तान में राजनीतिक और सैन्य संबंधों को लेकर बहस तेज हो गई है। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम सेना की शक्ति को और मजबूत करने की दिशा में उठाया गया है, जबकि अन्य इसे लोकतंत्र के लिए खतरा मानते हैं।
इस घटनाक्रम ने पाकिस्तान की राजनीति में एक नई बहस को जन्म दिया है, जिसमें सेना की भूमिका और लोकतांत्रिक संस्थाओं के बीच संतुलन पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
