पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक चौंकाने वाले और अभूतपूर्व बयान में स्वीकार किया है कि भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत 10 मई को रावलपिंडी स्थित नूर खान एयरबेस और अन्य स्थानों पर बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला किया था। यह पहली बार है जब पाकिस्तान की ओर से आधिकारिक रूप से भारतीय सैन्य कार्रवाई को स्वीकार किया गया है, जबकि अब तक पाकिस्तान ऐसे हमलों से इनकार करता रहा है।
शहबाज शरीफ ने बताया कि उन्हें इस हमले की जानकारी रात 2:30 बजे सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने दी। उन्होंने कहा, "सेना प्रमुख ने मुझे रात 2:30 बजे जगाया और बताया कि भारत ने हमारे एयरबेस पर हमला किया है।" इस बयान से पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था और सूचना तंत्र पर सवाल उठने लगे हैं।
'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत भारत ने यह सैन्य कार्रवाई की थी, जिसका उद्देश्य पाकिस्तान को उसकी आक्रामक नीतियों के खिलाफ चेतावनी देना था। इस ऑपरेशन में भारत ने अपनी सैन्य क्षमताओं का प्रदर्शन करते हुए स्पष्ट संदेश दिया कि वह अपनी सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।
पाकिस्तान द्वारा इस हमले को स्वीकार करना न केवल उसकी आंतरिक राजनीतिक स्थिति को दर्शाता है, बल्कि यह भी संकेत देता है कि भारत की सैन्य कार्रवाई कितनी प्रभावी रही। इससे दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ सकता है, और क्षेत्रीय सुरक्षा पर भी इसका प्रभाव पड़ सकता है।
यह बयान पाकिस्तान की पारंपरिक नीति से एक बड़ा बदलाव है, जो आमतौर पर भारतीय सैन्य कार्रवाइयों से इनकार करता रहा है। अब देखना यह होगा कि पाकिस्तान इस स्वीकारोक्ति के बाद अपनी रक्षा नीतियों में क्या बदलाव करता है और भारत इस पर क्या प्रतिक्रिया देता है।
इस घटना ने एक बार फिर से यह स्पष्ट कर दिया है कि दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए दोनों देशों को संवाद और कूटनीति का रास्ता अपनाना होगा, ताकि भविष्य में ऐसे टकराव से बचा जा सके।
