भारत में जल्द ही वाहनों के बीमा प्रीमियम में बढ़ोतरी हो सकता है। बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को थर्ड पार्टी वाहन बीमा प्रीमियम बढ़ाने की सिफारिश की है। इस कदम के पीछे कई कारण हैं, जो वाहन मालिकों को प्रभावित कर सकता हैं।
इरडा ने थर्ड पार्टी बीमा प्रीमियम बढ़ाने का सुझाव दिया है क्योंकि बीमा कंपनियों को हो रहे दावे (claims) की संख्या और राशि में हो रही वृद्धि है। सड़क दुर्घटनाओं के बढ़ते मामलों और दावों की लागत के कारण बीमा कंपनियों के खर्च बढ़ रहा हैं। बीमा कंपनियों की स्थिरता और बेहतर सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए प्रीमियम बढ़ाना आवश्यक माना जा रहा है। इरडा की सिफारिश के अनुसार, औसतन 18 प्रतिशत तक बीमा प्रीमियम बढ़ सकता है, जबकि कुछ विशेष वाहन वर्गों में यह वृद्धि 25 प्रतिशत तक भी हो सकता है।
थर्ड पार्टी बीमा वह बीमा है जो वाहन के चालक को होने वाले नुकसान की भरपाई नहीं करता है, बल्कि दुर्घटना में तीसरे पक्ष (अन्य वाहन या व्यक्ति) को हुए नुकसान का मुआवजा देता है। भारत में मोटर वाहन अधिनियम के तहत थर्ड पार्टी बीमा करवाना अनिवार्य है। इसके बिना वाहन चलाना कानूनन अपराध माना जाता है।
प्रीमियम बढ़ने से वाहन मालिकों को हर साल अधिक राशि बीमा के लिए चुकाना पड़ेगा। यह छोटे और मध्यम वर्ग के लोगों के लिए आर्थिक दबाव बढ़ा सकता है। बीमा के अलावा अन्य खर्चों के साथ प्रीमियम बढ़ोतरी से वाहन चलाने की कुल लागत में इजाफा होगा।
अगले दो-चार सप्ताह में इस विषय पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। यदि सड़क परिवहन मंत्रालय और संबंधित विभाग इस सिफारिश को मंजूरी देते हैं, तो भारत में थर्ड पार्टी वाहन बीमा की कीमतें बढ़ जाएंगी। वाहन मालिकों को सलाह दी जा रही है कि वे अपनी बीमा पॉलिसी का ध्यानपूर्वक चयन करें और समय-समय पर नवीनीकरण करें।
वाहन मालिकों को चाहिए कि वे समय पर बीमा कराएं ताकि उन्हें अनावश्यक जुर्माने से बचा जा सके। बाजार में विभिन्न बीमा कंपनियों के प्रीमियम और सेवाओं की तुलना कर सही विकल्प चुनना चाहिए। सुरक्षित ड्राइविंग का अभ्यास करना चाहिए ताकि दुर्घटना की संभावना कम हो और दावों की संख्या घट सके।